प्रतिनिधि, आदित्यपुर। सरायकेला खरसावां जिला अंतर्गत आदित्यपुर थाना क्षेत्र के सापड़ा में जिला का कुख्यात दारू माफिया शिबू मंडल का साम्राज्य फिर से स्थापित हो गया हैं। सरायकेला पुलिस अधीक्षक और उत्पाद अधीक्षक के छापामारी के बावजूद दारू भट्टी का गोरख धंधा फिर से संचालित हो गया है। सूत्रों की माने तो शिबू मंडल वह शख्स है जिन्हें ना तो प्रशासन का डर है ना ही आबकारी विभाग का। धड़ल्ले से गोरख धंधे को अंजाम दे रहा है। मिली जानकारी के अनुसार शिबू मंडल का गोरख धंधा आदित्यपुर थाना अंतर्गत सापड़ा, पड़ोसी जिला जमशेदपुर एवं सरायकेला-खंरसावां जिला के विभिन्न जगहों पर संचालित किया जाता है। सूत्र बताते हैं कि शिवू मंडल का पहुंच बहुत ही ऊपर तक है, जहाँ सफेद पोस व्यक्तियों से लेकर एवं विभाग के कुछ व्यक्तियों की मिलीभगत से अवैध धंधा को चलाते हैं। शिबू मंडल अपनी पहुंच के दम पर लगातार अवैध दारू भंट्ठी को संचालित कर रहा है। यूं कहे तो शिवू मंडल जिला प्रशासन और उत्पाद विभाग को ठेंगा दिखा रहा है।
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दोे माह पहले टीम गठित कर की गई थी छापामारी
दो महीना पूर्व शिबू मंडल के शराब भट्ठियों में सरायकेला एसपी डॉ. विमल कुमार के निर्देश पर टीम गठित कर छापामारी की गई थीं, जहां बड़े पैमाने पर अवैध दारू से लेकर कई किलो जावा महुआ तक नष्ट किया गया था। वहीं कुछ दिनों पहले उत्पाद अधीक्षक के निर्देश पर भी कार्रवाई की गई, लेकिन छापामारी से पूर्व सूचना लिक होने के कारण उत्पाद विभाग को ऐसा कुछ खास सफलता नहीं मिली। मगर इन सभी कार्रवाई के बाद दारू माफिया शिबू मंडल को ना तो जिला प्रशासन का डर है और ना ही उत्पाद अधीक्षक का डर सता रहा है। छापामारी के बाद पुनः दारू भट्ठी संचालित होने लगी है। एक तरह से कहा जाए तो शिबू मंडल जिला प्रशासन को खुलेआम चुनौती दे रहा है। शिबू मंडल को थाना, उत्पाद से ले लेकर कई सफेद पोस का संरक्षण प्राप्त है। बता दें कि इन अवैध शराब भट्ठी को संचालित करने में बड़े-बड़े दारू माफिया, सफेद पोस व्यक्ति एवं कुछ विभागीय व्यक्ति की मिली भगत रहती है।
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एफआईआर दर्ज होने के बाद भी नहीं होती कार्रवाई
सूत्र बताते हैं कि कुछ ही दिन पहले अवैध दारू सप्लाई में वर्चस्व की लड़ाई को लेकर काफी तनातनी हुई थी। अगर समय पर इस अवैध कारोबार पर शिकंजा नहीं कसा गया तो कभी भी क्षेत्र में बड़ी अनहोनी हो सकती है। सवाल यह उठता है कि शिबू मंडल कितना प्रभावशाली है, कि हर बार पुलिस को चकमा देकर फरार हो जाता है। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज रहने के बावजूद भी आखिर गिरफ्तारी क्यों नहीं होती है? सूत्र की माने तो पुलिस की हर गतिविधि का शिबू मंडल को जानकारी होती है। सवाल यह उठता है कि आखिर शिबू मंडल को पुलिस के हत गतिविधि का पता कैसे चलता है? अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जिला प्रशासन शिबू मंडल के ऊपर क्या कार्रवाई करती है।
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शिबू मंडल काला साम्राज्य स्थापित कर कितनी संपत्ति अर्जित की
नाम न छापने के शर्त पर एक व्यक्ति ने बताया की 5 वर्ष पूर्व एक साधारण घर में रहने वाला शिबू मंडल आज करोड़ों का मालिक है। अपना काला साम्राज्य स्थापित कर गांव में 5 से 6 जगह जमीन खरीद कर घर भी बनाया है। यूं कहे तो शिवा मंडल आय से अधिक संपत्ति अर्जित कर सरकार को भी चूना लगा रहा है।