आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि आदिवासियों को सरना कोड नहीं देती है तो 30 दिसंबर को भारत बंद किया जाएगा। इस दौरान आदिवासी सेंगेल अभियान के कार्यकर्ता सड़क और रेलमार्ग भी जाम करेंगे।
सालखन मुर्मू ने कहा कि आदिवासियों की हकमारी के लिए सभी राजनीतिक दल जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के कुछ सालों के बाद तक आदिवासियों के लिए जनगणना कालम में धर्म कोड था लेकिन कांग्रेस ने उसे हटा लिया था। इसी तरह भाजपा भी अब जबरन आदिवासियों को हिंदू साबित करना चाहती है। सरना धर्मावलंबियों को अबतक अलग कोड नहीं देना उनके संवैधानिक अधिकारों पर हमला है।
सालखन मुर्मू सरना धर्मकोड देने की मांग को लेकर बुधवार को मोरहाबादी मैदान में आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अब आदिवासियों को नये तरह की राजनीति की जरूरत है। आदिवासी सेंगेल अभियान धार्मिक पहचान को केंद्र में रखकर आदिवासियों के लिए राजनीति करने का काम कर रहा है।
जनसभा को असम के सोहन हेमरोम, अरुणाचल प्रदेश के सपन सोरेन, बिहार के विश्वनाथ टुडू, सुमित्रा मुर्मू सहित अन्य ने भी संबोधित किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र
सालखन मुर्मू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को झारखंड दौरे को लेकर पत्र जारी किया है। पत्र में उन्होंने कहा है कि आप भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिन पर झारखंड आ रहे हैं। आदिवासी सेंगेल अभियान आपका स्वागत करता है। आपने राष्ट्रपति के पद पर द्रौपदी मुर्मू को पदस्थापित कर पूरे भारत के आदिवासियों को गौरवान्वित किया है। इसलिए आपको इस दौरे पर देश के आदिवासियों को सरना कोड प्रदान कर उन्हें धार्मिक आजादी प्रदान करना चाहिए।
11 नवंबर 2020 को झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर पारित कराया गया था प्रस्ताव
हेमंत सरकार ने अपने चुनावी वादों को पूरा करने के उद्देश्य से सरना आदिवासी धर्म कोड का प्रस्ताव 11 नवंबर 2020 को झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर पारित कराया था और उसे केंद्र सरकार से 2021 के जनगणना संशोधन करने की मांग की गई, पिछले दिनों मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सरना धर्म कोड को लेकर ध्यान आकृष्ट कराया गया था।
जाहिर तौर पर चुनावी वर्ष में इस आंदोलन के जरिए बड़ा मैसेज देने की कोशिश आदिवासी सेंगेल अभियान ने किया है, अब देखना होगा कि 30 दिसंबर तक के अल्टीमेटम पर केंद्र सरकार क्या रुख लेती है।
आंदोलन के पीछे की वजह
आदिवासी सेंगेल अभियान का कहना है कि सरना धर्म कोड देने से आदिवासियों को उनके धार्मिक अधिकारों की रक्षा होगी। सरना धर्म कोड के जरिए आदिवासियों को अपनी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जीवन जीने की स्वतंत्रता मिलेगी। इसके अलावा, सरना धर्म कोड से आदिवासियों को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में आसानी होगी।
आंदोलन के संभावित परिणाम
यदि केंद्र सरकार 30 दिसंबर तक सरना धर्म कोड नहीं देती है, तो आदिवासी सेंगेल अभियान के द्वारा भारत बंद का आह्वान किया जाएगा। इस स्थिति में देशभर में यातायात और अन्य सेवाओं पर असर पड़ने की संभावना है। इसके अलावा, आंदोलन से राजनीतिक दलों पर भी दबाव बढ़ सकता है।