रेसलर साक्षी मलिक के संन्यास के ऐलान के बाद पहलवान बजरंग पूनिया ने बड़ा कदम उठाते हुए अपना पद्मश्री अवॉर्ड लौटाने का फैसला किया है। बजरंग पूनिया ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर प्रधानमंत्री के नाम एक पोस्ट कर लिखा, ‘मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री जी को वापस लौटा रहा हूं। कहने के लिए बस मेरा यह पत्र है। यही मेरी स्टेटमेंट है।’
बजरंग पूनिया ने अपने पोस्ट में लिखा कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह के विश्वस्त संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के विरोध में पहलवानों ने लंबे समय तक आंदोलन किया। इस आंदोलन में साक्षी मलिक भी शामिल थीं। लेकिन, आंदोलन के बावजूद संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद साक्षी मलिक ने संन्यास का ऐलान कर दिया।
हमारे प्रदर्शन करने पर रोक लगा दी-बजरंग पूनिया
बजरंग पूनिया ने लिखा कि पहलवानों ने अप्रैल महीने में दोबारा सड़कों पर उतरकर आंदोलन किया ताकि दिल्ली पुलिस कम से कम बृजभूषण सिंह पर एफआईआर दर्ज करे, लेकिन फिर भी बात नहीं बनी तो हमें कोर्ट में जाकर एफआईआर दर्ज करवानी पड़ी। उन्होंने आगे लिखा कि आंदोलन 40 दिन चला। इन 40 दिनों में एक महिला पहलवान और पीछे हट गईं। हम सब पर बहुत दबाव आ रहा था। हमारे प्रदर्शन स्थल को तहस नहस कर दिया गया और हमें दिल्ली से बाहर खदेड़ दिया गया और हमारे प्रदर्शन करने पर रोक लगा दी। जब ऐसा हुआ तो हमें कुछ समझ नहीं आया कि हम क्या करें। इसलिए हमने अपने मेडल गंगा में बहाने की सोची। जब हम वहां गए तो हमारे कोच साहिबान और किसानों ने हमें ऐसा नहीं करने दिया।
साक्षी मलिक भी संन्यास ले चुकी
बजरंग पूनिया ने लिखा कि अब साक्षी मलिक भी संन्यास ले चुकी हैं। ऐसे में हम सभी पहलवानों ने फैसला किया है कि हम अपना पद्मश्री अवॉर्ड प्रधानमंत्री जी को वापस लौटाएंगे। उन्होंने लिखा कि हम उम्मीद करते हैं कि प्रधानमंत्री जी हमारी आवाज सुनेंगे और भारतीय कुश्ती महासंघ में सुधार करेंगे।
बजरंग पूनिया के इस फैसले का समर्थन करते हुए कई लोगों ने ट्वीट किया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट कर लिखा, ‘बजरंग पूनिया का पद्मश्री लौटाने का फैसला स्वागत योग्य है। भारतीय कुश्ती महासंघ में व्याप्त भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन के खिलाफ पहलवानों का आंदोलन सही है। सरकार को इस आंदोलन पर गौर करना चाहिए और भारतीय कुश्ती महासंघ में सुधार के लिए कदम उठाने चाहिए।’