चाईबासा, झारखंड: ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (AIDSO) की झारखंड राज्य कमेटी ने चाईबासा के उर्दू लाइब्रेरी हॉल में कोल्हान प्रमंडल शिक्षा कन्वेंशन का आयोजन किया. इस कन्वेंशन में करीब 300 से अधिक छात्र प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.
कन्वेंशन में मुख्य प्रस्ताव के समर्थन में छात्र प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा लायी गयी नई शिक्षा नीति-2020 शिक्षा के निजीकरण, व्यापारीकरण और साम्प्रदायीकरण का ब्लूप्रिंट है.
AIDSO के अखिल भारतीय सचिव मंडली सदस्य सह प्रदेश अध्यक्ष समर महतो ने कहा कि छात्रों और शिक्षा प्रेमियों की यह सिर्फ शिक्षा बचाने की ही लड़ाई नहीं, बल्कि सभ्यता और इंसानियत बचाने की भी लड़ाई है.
उन्होंने कहा कि कोल्हान प्रमंडल में भी प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा की बदहाली चरम पर है. सरकार द्वारा शिक्षा बजट में कटौती एवं आवश्यक संसाधनों की कमी किये जाने की वजह से आज सार्वजनिक शिक्षा हांफ रही है.
महतो ने कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 में शिक्षण संस्थानों की स्वायत्तता को खत्म कर शिक्षा के केन्द्रीयकरण के नाम पर सारा नियंत्रण केन्द्र सरकार अपने हाथों में ले रही है.
एआईडीएसओ पश्चिम बंगाल राज्य सचिव मंडली सदस्य सुदीप दत्ता ने कहा कि ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020’ सरकारी शिक्षा व्यवस्था को समूल नष्ट करने तथा शिक्षा का सम्पूर्ण व्यवसायीकरण करने की नीति है.
सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए एआईडीएसओ के प्रदेश सचिव सोहन महतो ने कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 का ही नतीजा है कि स्कूल-कॉलेजों और केंद्रीय समेत सभी विश्वविद्यालयों में बेतहाशा फीस वृद्धि हो रही है. कोल्हान प्रमंडल में स्थाई शिक्षकों के अनेक पद रिक्त हैं.
महतो ने छात्रों से बड़े पैमाने पर वोलेंटियर बनने व बनाने तथा हर स्तर पर छात्र संघर्ष कमेटियों का गठन करने की अपील की.
सम्मेलन में पारित प्रस्तावों में शामिल हैं:
- नई शिक्षा नीति-2020 को तत्काल वापस लिया जाए.
- शिक्षा के निजीकरण, व्यापारीकरण और साम्प्रदायीकरण का विरोध किया जाए.
- शिक्षा पर सरकार का खर्च बढ़ाया जाए.
- सार्वजनिक शिक्षा को मजबूत किया जाए.
- छात्र संघर्ष कमेटियों का गठन किया जाए.