सरायकेला-खरसावां : जिले के आरआईटी थाना में पदस्थापित एएसआई शुभंकर कुमार ने पुलिस अधीक्षक, डीआईजी और डीजीपी के खिलाफ न्यायालय में मामला दायर करने की अनुमति के लिए तीन दिन का आकस्मिक अवकाश मांगा है। शुभंकर ने पुलिस अधीक्षक को संबोधित आवेदन में वरिष्ठ अधिकारियों के “मनमाने रवैये” और “शोषण” का आरोप लगाया है।
शुभंकर ने अपने आवेदन में लिखा कि वर्ष 2024 का आकस्मिक अवकाश (CL) और 2023-24 का क्षतिपूर्ति अवकाश (CPL) का एक भी दिन उन्हें उपभोग नहीं करने दिया गया। इसके परिणामस्वरूप उनका अवकाश व्यर्थ हो गया। उन्होंने इस संबंध में 18 दिसंबर 2024 को एसपी, डीआईजी और डीजीपी को आवेदन भेजा था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
शुभंकर ने आरोप लगाया कि अधिकारियों के रवैये के कारण वह मानसिक तनाव (डिप्रेशन) का सामना कर रहे हैं। उन्होंने लिखा कि वह कोई गंभीर आपराधिक घटना कारित करने से पहले न्यायालय की शरण लेना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने 3 जनवरी 2025 से तीन दिनों का आकस्मिक अवकाश मांगा है ताकि वह रांची उच्च न्यायालय में न्याय के लिए मामला दायर कर सकें।
मैं विभाग से न्याय प्राप्त करना चाहता था, लेकिन मुझे न्याय नहीं मिला। मैंने दोषी अधिकारियों के वेतन से कटौती कर मेरे अवकाश के बदले क्षतिपूर्ति देने की मांग की थी, लेकिन उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।”
आवेदन में शुभंकर ने हाई कोर्ट रांची में अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कराने के लिए तीन दिनों का अवकाश स्वीकृत करने का अनुरोध किया है। उन्होंने इसे “महान कार्य” बताते हुए परिवार सहित हमेशा आभारी रहने की बात कही
शुभंकर कुमार का यह कदम पुलिस विभाग में चर्चा का विषय बन गया है। वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ न्यायालय जाने की अनुमति मांगने का यह मामला विभागीय प्रक्रियाओं और आंतरिक अनुशासन पर सवाल उठाता है।
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