झारखंड के पलामू जिले के सदर प्रखंड के खनवा में अमानत नदी के तट पर 10 से 12 दिसंबर तक बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री का दरबार आयोजित होगा। यह दरबार तीन दिवसीय होगा और इसमें पलामू प्रमंडल समेत उत्तर प्रदेश, बिहार व छत्तीसगढ़ से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है।
दरबार की अनुमति के लिए आयोजकों ने लंबे समय तक पलामू जिला प्रशासन से अनुरोध किया था। हालांकि, प्रशासन ने शुरुआत में अनुमति देने से इंकार कर दिया था। इसके बाद आयोजकों ने झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की। हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए जिला प्रशासन को दरबार की अनुमति देने का निर्देश दिया।
कार्यक्रम की अनुमति मिलने के बाद आयोजकों ने तैयारियों में जुट गए हैं। दरबार के लिए एक विशाल पंडाल का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा, श्रद्धालुओं के ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्था भी की जा रही है।
बागेश्वर बाबा एक प्रसिद्ध कथावाचक हैं। उनके भक्तों की संख्या पूरे देश में फैली हुई है। उनके प्रवचनों में धर्म, दर्शन और आध्यात्मिकता के साथ-साथ सामाजिक सरोकार के विषयों पर भी चर्चा की जाती है। उनके दरबार में आने वाले श्रद्धालुओं को उनके प्रवचनों से प्रेरणा मिलती है।
बाघमारा में रद्द हुआ था कार्यक्रम
इससे पहले बाघमारा के चिटाहीधाम में एक से तीन दिसंबर तक बाबा बागेश्वर का दिव्य दरबार कार्यक्रम प्रस्तावित था। हालांकि, धनबाद जिला प्रशासन ने इस कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी। इसलिए चिटाहीधाम का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया। बाघमारा के विधायक ढुलु महतो ने इसके लिए शासन-प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए हाई कोर्ट जाने की बात कही है।
हाई कोर्ट में हुई सुनवाई
हाई कोर्ट के जस्टिस गौतम कुमार चौधरी की अदालत में पलामू में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के 10 से 12 दिसंबर तक प्रस्तावित कार्यक्रम की अनुमति नहीं देने के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने मामले में विस्तृत सुनवाई के लिए 30 नवंबर की तिथि निर्धारित की है।
इस संबंध में हनुमंत कथा आयोजन समिति ने याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री का कार्यक्रम रजवाडीह में प्रस्तावित है। कार्यक्रम की अनुमति के लिए उपायुक्त को पत्र दिया गया है। उपायुक्त कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति नहीं दे रहे हैं। डीसी को पत्र लिखा गया था, पर अभी तक अनुमति नहीं दी गई है।
अदालत ने मामले में सुनवाई करते हुए जिला प्रशासन को याचिकाकर्ताओं से जवाब मांगा है। अदालत ने मामले में विस्तृत सुनवाई के लिए 30 नवंबर की तिथि निर्धारित की है।