जमशेदपुर। करीब 500 सालों के वनवास के बाद अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को भगवान राम टेंट से निकल कर भव्य राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के द्वारा विधिवत रूप से विराजित किये जायेंगे। जिसको लेकर भारत में ही नहीं बल्कि अमरीका जैसे बड़े देशों में भी 22 जनवरी को भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गरिमामयी उपस्थिति में श्रीराम लला के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरे देश का वातावरण राममय हो गया है। हर दिशाओं से सिर्फ भगवान राम के गीत, भजन एवं कथाओं का प्रचार-प्रसार हो रहा है। इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनने के लिए पूरे देश ही नही अपितु समस्त विश्व व्याकुल है। मॉरीशस जैसे देश ने अवकाश की घोषणा की है तो वहीं, अमेरिका के टाइम्स स्क्वायर जैसे प्रतिष्ठित स्थानों पर भी 22 जनवरी को प्रभु श्री राम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के सीधे प्रसारण की तैयारी की जा रही है। देश के उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में भी शिक्षण संस्थाओं के साथ सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। इस निमित्त भाजपा झारखंड प्रदेश प्रवक्ता सह पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से 22 जनवरी को राज्य के सभी शिक्षण संस्थानों में अवकाश की घोषणा करने की मांग की है जिससे कि प्रदेश के युवा पीढी एवं स्कूली बच्चे भी प्रभु श्री राम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का साक्षी बन सके। इस बाबत कुणाल षाड़ंगी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ट्वीट करते हुए राज्य के सभी श्रेणी के शिक्षण संस्थान में अवकाश घोषित करने की मांग की है। इस संबंध में कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि राजा राम जब वनवास गए तो भगवान राम कहलाये। हमारे झारखंड के रहने वाले वनवासी भाइयों से भी भगवान राम का पुराना संबंध रहा है। जो हम सबके लिए गर्व करने एवं प्रभु राम से जुड़ने का हर्षित विषय है। अवकाश के दिन जब हमारे बच्चे एवं युवा पीढ़ी प्रभु श्री राम के विषय में जानेंगे तो भगवान राम जैसा चरित्र , उच्च नैतिक एवं सामाजिक मूल्य, नारी सम्मान, एक आदर्श भाई, आदर्श पुत्र एवं आदर्श व्यक्तित्व की स्थापना, जो भगवान राम ने त्रेता युग में की थी, वही आदर्श आज के युग में भी अपनाने का प्रयास करेंगे। कहा कि इसीलिए उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द 22 जनवरी को सभी शैक्षणिक संस्थानों को अवकाश घोषित करे। वहीं, पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने पुर्वी सिंहभूम जिले के सभी लोगों से 22 जनवरी को दीपोत्सव मनाने का आग्रह किया