झारखंड में भाजपा की मिशन 2024 रणनीति
रांची: 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा झारखंड में प्रमंडल वार रणनीति तैयार की है. हर प्रमंडल के लिए जातीय और सामाजिक समीकरण के हिसाब से कार्यक्रम तय किए गए हैं.
भाजपा का मुख्य रूप से आदिवासी, दलित, पिछड़े, युवा और महिला वोटरों पर ध्यान केंद्रित है. अपने कार्यक्रमों के जरिये पार्टी इन सभी वर्गों को साधने की कोशिश कर रही है.
पार्टी के सभी बड़े नेताओं को प्रमंडलों में प्रवास कर कार्यकर्ताओं से मिलने, उनके घर भोजन करने और बैठकें कर संगठन को मजबूत करने का टास्क दिया गया है.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने अगस्त से अक्टूबर महीने तक संकल्प यात्रा निकाला और राज्य के सभी 81 विधानसभा सीटों में घूमकर गांवों में प्रवास किया. अब एक बार फिर वे संथाल परगना में आदिवासी अधिकार रैली कर रहे हैं. इसके बाद वे कोल्हान और दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल का रुख करेंगे.
वहीं पलामू और उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल में बाबूलाल मरांडी के अलावा पार्टी के प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री नागेंद्र त्रिपाठी और संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह प्रवास चल रहा है. विधायक दल के नेता अमर बाउरी भी सभी प्रमंडलों में प्रवास करेंगे.
हारी हुई और कमजोर सीटों पर है फोकस
सभी नेताओं को सबसे पहले हारी हुई और उसके बाद कमजोर लोकसभा और विधानसभा सीटों पर फोकस करना है.
इसके तहत बाबूलाल मरांडी ने सबसे पहले संथाल परगना को चुना है. आदिवासी बाहुल्य संथाल परगना झामुमो का गढ़ माना जाता है. पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यहां की तीन में दो सीटों पर कमल खिलाया था, लेकिन उसके बाद हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा 18 विधानसभा सीटों में से सिर्फ 4 सीटों पर चुनाव जीत सकी. 2024 से पहले आदिवासी वोटरों को साधने के लिए बाबूलाल यहां खूब पसीना बहा रहे हैं.
इसके बाद बाबूलाल मरांडी कोल्हान प्रमंडल में पसीना बहाएंगे, जहां की 14 में से 14 विधानसभा सीटों पर 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा का सूपड़ा साफ हो गया था. 2 लोकसभा सीटों में से एक सीट भी भाजपा खोनी पड़ी थी.
तीन प्रमंडलों में भी जातिगत समीकरण के हिसाब से बनी है रणनीति
पलामू प्रमंडल में दलित और पिछड़ों के अलावा ब्राह्मण, राजपूत वोटरों की संख्या काफी है. इनके वोट निर्णायक होते हैं. जातीय समीकरण के हिसाब से यहां अमर बाउरी, लक्ष्मीकांत वाजपेयी, नागेंद्र त्रिपाठी और कर्मवीर सिंह मोर्चा संभालेंगे. प्रदेश प्रभारी और महामंत्रियों का पलामू प्रमंडल में कई बार प्रवास भी हो चुका है.
वहीं दक्षिणी और उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल की अधिकांश सीटें अनारक्षित है. इनमें सभी जाति वर्ग के नेताओं का प्रतिनिधित्व है. इस वजह से भाजपा प्रदेश के अपने पांचों शीर्ष नेताओं के अलावा प्रदेश स्तर के पदाधिकारियों को भी लोकसभा और विधानसभा वार जातीय समीकरण को देखते हुए जिम्मेदारी सौंपेगी.