सीमा सुरक्षा बल (BSF) अपना 59वां स्थापना दिवस समारोह 1 दिसंबर को हजारीबाग के मेरु स्थित रानी लक्ष्मीबाई परेड ग्राउंड में आयोजित करेगा। इस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में गृह मंत्री अमित शाह के शामिल होने की संभावना है।
स्थापना दिवस समारोह को भव्य बनाने के लिए बीएसएफ के अधिकारी और जवान एक माह से तैयारी कर रहे हैं। समारोह में पैराग्लाइडिंग, हेलीकॉप्टर, बीएसएफ तोपखाना से लेकर ऊंट का दस्ता तक शामिल होंगे। इसके अलावा बीएसएफ के सभी सीमांत (फ्रंटियर) के महिला व पुरुष (टुकड़िया) भाग ले रही है।
जांबाज व सीमा भवानी की मोटरसाइकिल टीम, उंट व घुड़सवार दस्ते, उच्च प्रशिक्षण पाए हुए श्वान, बीएसएफ एयर विंग के हेलीकॉप्टर, बीएसएफ तोपखाना, अश्रु गैस इकाई टेकनपुर, मिर्ची बम्ब व एडवेंचर प्रशिक्षण संस्थान (बीआइएएटी ) की पैराग्लाइडिंग का प्रदर्शन दिखाया जाएगा।
इस समारोह में सीमा सुरक्षा बल के वीरता पदक विजेताओं, वीरता पदक विजेता (मरणोपरांत) के परिजनों, सेवारत सीमा प्रहरियों के अलावा सीमा सुरक्षा बल से रिटायर्ड अधिकारियों को भी आमंत्रित किया गया है।
एक दिसंबर 1965 को की गई थी BSF की स्थापना
एक दिसंबर 1965 को केएफ रूस्तम डायरेक्टर जनरल, सीमा सुरक्षा बल की नींव रखी गई थी। भारत की प्रथम रक्षा पंक्ति होने के नाते इस समय सीमा सुरक्षा बल की कुल 192 बटालियन विभिन्न अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा के साथ-साथ आंतरिक सुरक्षा कर्तव्यों, कानून व्यवस्था, चुनावी कर्तव्यों, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के घने जंगलो, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड जैसे राज्यों की दुगर्म पहाड़ियों व जम्मू कश्मीर राज्य के बर्फीले इलाकों में आतंकवाद, नक्सलवाद जैसे अवैध संगठनों को रोकने के लिए यह बल अपना प्रमुख योगदान दे रहा है।
BSF मेरु से 64 हजार जवान, अधिकारी और विदेशी सैनिक ले चुके हैं ट्रेनिंग
स्थापना के बाद से अब तक बीएसएफ मेरु में 62 हजार प्रशिक्षु को ट्रेनिंग दिया जा चुका है। 2023 में 1583 प्रशिक्षु प्रशिक्षित हुए। मित्र राष्ट्र जैसे बांग्लादेश, भूटान, नेपाल और श्रीलंका के भी पदाधिकारी और जवान प्रशिक्षण लेते हैं।