चाईबासा, 25 नवंबर 2023 : झारखंड अलग होने के 23 वर्ष पूरे हो गए हैं। इस मौके पर आंबेडकराईट पार्टी ऑफ इंडिया के सिंहभूम लोकसभा प्रभारी रामहरि गोप ने कहा कि झारखंड को अलग करने में ओबीसी वर्ग ने बड़ी कुर्बानी दी है। इसके बावजूद आज अलग राज्य में जितनी हिस्सेदारी रोजी-रोजगार और राजपाट मिलती थी, वो नहीं मिल पायी।
गोप ने कहा कि “जो हमारे झारखंड आंदोलनकारियों पर हंसते थे, मज़ाक किया करते थे, वे आज सत्ता में बैठ कर सभी वर्गों का हिस्सा खा रहे हैं। उनके पास न तो जनसंख्या है और न ही झारखंड आंदोलन में इनकी सहभागिता रही है। इसीलिए आज तमाम पिछड़ा वर्ग एक संकीर्ण दौर से गुजर रहा है।”
उन्होंने कहा कि “हमें वास्तविक साजिशकर्ता और दुश्मनों को स्पष्ट रूप से पहचानना होगा। साथ ही अपनी एकता एवं सामूहिक सहभागिता का परिचय देना अतिआवश्यक हो गया है। इसकी गंभीरता को हमें समझना ही होगा।”
झारखंड में कुल 24 जिला है। 24 जिला में से 7 ऐसे जिले हैं, जिसमें पिछड़ा वर्ग का आरक्षण शून्य कर दिया गया है। आरक्षण शून्य जिला चाईबासा, लातेहार, सिमडेगा, खूंटी, दुमका, लोहरदगा, गुमला है।
गोप ने कहा कि “इन जिलों में ओबीसी वर्ग की जनसंख्या 60% से अधिक है। लेकिन आरक्षण शून्य कर दिया गया है। इससे ओबीसी वर्ग का शोषण हो रहा है।”
उन्होंने कहा कि “ओबीसी वर्ग को अपने अधिकारों के लिए लड़ना होगा। हम एकजुट होकर अपनी मांगों को सरकार के सामने रखेंगे।”