उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे मजदूरों के घरवालों की चिंता बढ़ती जा रही है। 12 दिनों से सुरंग में फंसे मजदूरों में से झारखंड के 15 श्रमिक भी शामिल हैं। इनमें से बिरनी प्रखंड के सिमराढाब के सुबोध कुमार वर्मा और केशोडीह के विश्वजीत वर्मा भी शामिल हैं। दोनों के घरवालों का यहां रोते-बिलखते दिन कट रहा है।
सुबोध की मां पिछले दस साल से गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं। बेटे के सुरंग से निकलने की कोई खबर नहीं मिलने पर वह बेचैन हो उठी हैं। मां की आंखों से आंसू थम नहीं रहे हैं। सुबोध के पिता बुधन महतो और मां चंद्रिका देवी ने बताया कि इकलौता पुत्र है। बाहर कमाने के लिए पहली बार अपने मौसा विश्वजीत वर्मा के साथ गया था, ताकि मां का इलाज करा सके।
विश्वजीत के पत्नी चमेली देवी ने बताया कि पति को कहीं कुछ हो गया तो बच्चों की भविष्य पर भी दुःख का पहाड़ टूट जाएगा। पति की मजदूरी के घर के सात सदस्यों की भूख मिट रही थी। अब आगे क्या होगा, कहा नहीं जा सकता। ऊपर वाले पर ही आसरा है।
सुरंग में फंसे मजदूरों के सुरक्षित बाहर निकलने के लिए पूरे देश में लोगों की दुआएं हो रही हैं। सरकार और प्रशासन भी हर संभव प्रयास कर रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही सभी मजदूर सुरक्षित बाहर निकल पाएंगे।