दिवाली और छठ महापर्व को लेकर बिहार के लोगों के लिए बड़ी खबर है। बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने चार जिलों में पटाखा फोड़ने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। इनमें बिहार की राजधानी पटना, गया, हाजीपुर और मुजफ्फरपुर जिले शामिल हैं। यहां दिवाली हो या छठ किसी प्रकार की आतीशबाजी नहीं होगी। वहीं, राज्य के अन्य शहरों में दिवाली एवं छठ के दौरान केवल ग्रीन पटाखे छोड़ने की ही अनुमति दी गई है।
पर्षद ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए यह कदम उठाया है। इस संबंध में बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष डॉ. डीके शुक्ला का कहना है कि दिवाली पर काफी मात्रा में पटाखे छोड़े जाते हैं, जिससे मानव स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। ऐसे में इसे कंट्रोल करने के लिए राज्य के सर्वाधिक प्रदूषित चार शहरों में पटाखे छोड़ने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
डॉ डीके शुक्ला ने कहा कि आजकल पटाखों में भारी धातुओं (हेवी मेटल) का उपयोग किया जा रहा है। इनका उपयोग सामान्यत: पटाखों को रंगीन बनाने के लिए किया जा रहा है। ऐसे पटाखे जैसे ही आकाश में फूटते हैं, कई रंगों का प्रकाश निकलता है। इनसे वायु प्रदूषण की मात्रा काफी बढ़ जाती है। इससे सांस की बीमारी के मरीजों को काफी परेशानी होती है।
दूसरी ओर ग्रीन पटाखों में भारी धातु नहीं रहते हैं। इन्हें बनाने में फ्लावर पाट्स, पेंसिल, स्पार्कल्स और चक्कर का इस्तेमाल किया जाता है। ये छोटे भी होते हैं। इस कारण ये वायु को कम प्रदूषित करते हैं।
उनका कहना है कि वातावरण में वायु प्रदूषण बढ़ने की स्थिति में कई मरीजों को सांस लेने की समस्या होने लगती है। अस्थमा के मरीजों को सांस लेने के साथ कई तरह की परेशानी गंभीर रूप ले लेती है।
इस प्रतिबंध का पालन करने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही, पटाखा विक्रेता और खरीदारों को भी चेतावनी दी गई है कि वे इस प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर कार्रवाई का सामना करेंगे।
यह प्रतिबंध दिवाली और छठ दोनों पर लागू होगा।