झारखंड, 6 दिसंबर, 2023: लोकतंत्र बचाओ 2024 (अबुआ झारखंड, अबुआ राज) अभियान का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को इंडिया गठबंधन दलों से अलग-अलग मिला. इस दौरान संगठन ने 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा का पराजित करने के लिए केंद्रीय नेतृत्व से मजबूत गठबंधन और संगठित संघर्ष करने की मांग की.
प्रतिनिधिमंडल में आलोका कुजूर, अंबिका यादव, फुलजेंसिया बिलुंग, मंथन, प्रवीर पीटर, सिराज, टॉम कावला आदि शामिल थे.
भाजपा सरकार संविधान, लोकतंत्र और जन अधिकारों को कर रही खत्म
संगठन के लोगों ने इन दलों से कहा कि 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आई भाजपा सरकार इस संविधान, लोकतंत्र और जन अधिकारों को खत्म कर रही है. झारखंड, देश, लोकतंत्र व संविधान को बचाने के लिए 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराना अत्यंत महत्वपूर्ण है. इसके लिए लोकतंत्र बचाओ 2024 (अबुआ झारखंड, अबुआ राज) अभियान का गठन किया गया है. यह अभियान राज्य के कई जन संगठनों व सामाजिक कार्यकर्ताओं का साझा प्रयास है. अभियान अंतर्गत राज्य के सभी 14 लोकसभा क्षेत्रों में जन जागरण कार्यक्रमों जैसे जन सभा, कार्यशाला व वॉलेंटियर प्रशिक्षणों आदि का आयोजन किया जा रहा है.
इंडिया गठबंधन दलों को मजबूती से काम करना होगा
संगठन के लोगों ने कहा कि हाल के विधान सभा चुनावों के परिणामों ने फिर से साफ कर दिया है कि इंडिया दलों को जमीनी स्तर पर मजबूत व गंभीर गठबंधन सुनिश्चित करना होगा और भाजपा व केंद्र सरकार की जन विरोधी नीतियों, धर्म-आधारित राजनीति व संविधान विरोधी रवैया के विरुद्ध स्पष्ट प्रतिबद्धता दर्शानी होगी. लेकिन विभिन्न लोकसभा क्षेत्रों में अभियान के दौरान यह बात सामने आई है कि गठबंधन दल जनता की अपेक्षाओं व मुद्दों के अनुरूप तैयारी नहीं कर रहे हैं.
गठबंधन से मांग
संगठन ने इंडिया गठबंधन दलों से निम्नलिखित मांगें की:
कई लोकसभा क्षेत्रों में इंडिया गठबंधन में दरार व प्रत्याशी को लेकर कई प्रकार की नकारात्मक बातें व गलत संदेश लोगों के बीच जा रहे हैं. तुरंत उनका खंडन कर सभी दल आपसी तालमेल स्थापित करें, मजबूत गठबंधन सुनिश्चित करें व जल्द-से-जल्द सीटों का बंटवारा कर संयुक्त प्रत्याशियों की घोषणा करें. गठबंधन के वाम दलों को राज्य की 1-2 सीटों पर टिकट मिलना चाहिए.
आदिवासी सीटों पर ऐसे प्रत्याशी को टिकट न दें जो जल, जंगल, ज़मीन, अस्तित्व की लड़ाई में आदिवासियों के साथ खड़े नहीं रहते हैं. कई सामान्य लोकसभा सीटों में गठबंधन दलों द्वारा अनेक बार बाहरी प्रत्याशी को टिकट दिया जाता है. इससे लोगों में रोष है. इन क्षेत्रों में लोगों की मांग है कि स्थानीय व्यक्ति (क्षेत्र के निवासी) को ही गठबंधन का टिकट मिले.
यह देखा गया है कि गठबंधन दलों के स्थानीय नेतृत्व में क्षेत्र के अनेक वंचित समुदायों का नेतृत्व न के बराबर है. भाजपा को हराने के लिए विभिन्न लोकसभा क्षेत्र के सभी वंचित समुदायों को साथ लेकर चलने की जरूरत है.
गांवों व शहरी बस्तियों में लोगों तक मोदी सरकार की नाकामियों को पहुंचाए. भाजपा की धर्म आधारित राजनीति के विरुद्ध संवैधानिक मूल्य आधारित राजनीति करें. अभी भी क्षेत्र में लोगों के साथ जन संपर्क कार्यक्रमों की कमी है.
संगठन के लोगों ने कहा कि इन मांगों को पूरा करने के लिए इंडिया गठबंधन दलों को तत्काल कदम उठाने की जरूरत है.