रिपोर्टर, जमशेदपुर.
मानकी मुंडा अधिकार मंच के द्वारा आयोजित चार दिवसीय पदयात्रा आज जमशेदपुर पहुंची. जमशेदपुर पहुंचने पर साकची बिरसा मुंडा चौक पर बिरसा मुंडा की प्रतिमा के समक्ष झारखंड जनतांत्रिक महासभा ने सभी पदयात्रियों को माला पहनाकर गरमजोशी के साथ स्वागत किया. मौके पर उपस्थित महासभा ने कहां कि मानकी मुंडा अधिकार मंच के द्वारा मानकी मुंडा अधिकार पदयात्रा पिछले 15 अक्टूबर को बहरागोड़ा से प्रारम्भ हुआ है. 120 किमी पैदल चलने के बाद आज जमशेदपुर पहुंची है. इनके द्वारा उठाए गए मांगों को समर्थन करते हुए हमलोगों ने इनका स्वागत किया.
अधिकार पदयात्रा के रोशन तिर्की ने कहां कि 7 सूत्री मांगों को लेकर 120 किमी पैदल चलकर आज चौथे दिन हमलोग उपायुक्त कार्यालय जमशेदपुर पहुंचे है. पदयात्रा में लगभग 1500-2000 पदयात्री 120 किमी पैदल चलकर उपायुक्त कार्यालय पहुंचे है. पदयात्रा में महिलाओं की भागीदारी भी काफी संख्या में देखने को मिला.
ये हैं मांग
– हो, मुंडारी, कुरुख, संथाली, भाषा को झारखंड के प्रथम राज्य भाषा का दर्जा दिया जाए
– भारतीय संविधान के आठवीं अनुसूची में हो, मुंडारी, भूमिज, कुरुख, भाषा को शामिल किया जाए
– कोल्हन विश्वविद्यालय में व महाविद्यालयों में जनजातीय विषयों हो, मुंडारी, भूमिज, कुरुख, संथाली के शिक्षकों के बैकलॉग पदों को अबिलंब भरा जाए
– हो, मुंडारी, भूमिज, कुरुख, संथाली भाषा अकादमी गठित किया जाए
– केंद्र सरकार वन संरक्षण अधिनियम 2023 को रद्द करें
– राज्य सरकार पेसा कानून अधिनियम 1996 और आदिवासी सलाहकार परिषद अधिविधि अबिलंब बनाया जाए
– पूर्वी सिंहभूम के मानकी, मुंडा, डाकुआ, घटवाल, सरदार, नायके, दिवरी, पहान, लाया अन्य को सम्मानित राशि दिया जाए
इस पदयात्रा में सहयोगी संगठन आदिवासी मुंडा समाज, आदिवासी हो समाज महासभा, झारखंडी भाषा-भाषी, मूलनिवासी संघ, आदिवासी भूमिज समाज कल्याण समिति, आदिवासी भूमिज मुंडा महाल थे.