गाजा में मारे गये फिलिस्तीनियों की लाशों से उनके अंग चुराये जा रहे हैं. यह आरोप इजरायली सेना पर लगा है. आरोप मिडिल-ईस्ट और नॉर्थ अफ्रीका (MENA) के अलावा यूरोप में मानवाधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था यूरो-मेड ह्यूमन राइट्स मॉनिटर ने लगाया है. आरोप लगाने के साथ ही मानवाधिकार संस्था ने कहा है कि इस मामले की स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय जांच कराई जाये. संस्था का कहना है कि इजरायली सेना के जवान कब्र खोदकर फिलिस्तीनी लाशों से अंग चुरा रहे हैं. मिडिल-ईस्ट मॉनिटर की एक रिपोर्ट के अनुसार मानवाधिकार संस्था ने इजरायली सेना द्वारा उत्तरी गाजा पट्टी में अल-शिफा मेडिकल कॉम्प्लेक्स और इंडोनेशियाई अस्पताल से दर्जनों शवों को जब्त किये जाने का दस्तावेजीकरण किया है. रिपोर्ट में यह भी दर्ज है कि तथाकथित सुरक्षित गलियारे सलाह-अल-दीन और उसके आसपास से अन्य शवों को जब्त करने का दस्तावेजीकरण किया गया है. जिनेवा स्थित इस संगठन का आरोप है कि इजरायली सेना ने अल-शिफा अस्पताल के एक परिसर में बनी सामूहिक कब्र से शवों को खोदकर बाहर निकाला है.दर्जनों लाशें रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति के हवाले की गयी हैं.मीडिया रिपोर्टो में कहा गया है कि मानवाधिकार संगठन ने गाजा पट्टी में तैनात कई चिकित्सा पेशेवरों की रिपोर्ट का हवाला देते हुए लाशों से अंग चोरी के बारे में चिंता जताई है.
लाशों से लिवर, किडनी और हार्ट जैसे अन्य महत्वपूर्ण अंग गायब मिले खबर है कि इन चिकित्सकों ने कुछ शवों की जांच की थी. रजांच के दौरान उन्हें अंग चोरी के सबूत मिले. इनमें कोक्लीयर (कान के पार्ट) और कॉर्निया (आंख के पार्ट) के गायब होने के साथ-साथ लिवर, किडनी और हार्ट जैसे अन्य महत्वपूर्ण अंग भी गायब मिले.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुलार इजरायल का मृत फिलिस्तीनियों के शवों को अपने पास रखने का इतिहास रहा है.
कहा गया है कि कम से कम 145 फ़िलिस्तीनियों के अवशेषों को अपने मुर्दाघरों में रखा गया है, लगभग 255 की संख्या में जॉर्डन की सीमा के पास अपने तथाकथित कब्रिस्तान में रखा गया है. यूरो-मेड मॉनिटर की एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि इजरायली अधिकारियों ने फिलिस्तीनी लाशों को जीरो डिग्री टेम्परेचर वाले माहौल में रखा है वे सड़-गल ना सकें और संभवतः अंग चोरी के सबूत न मिलें.