कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी के लिए यह एक बड़ा झटका है। गौरव वल्लभ ने पार्टी से इस्तीफा देते वक्त जो पत्र लिखा है, उसे साझा भी किया गया है। इस लेटर में उन्होंने विस्तार से बताया कि आखिर उन्होंने क्यों कांग्रेस छोड़ने का मन बनाया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी जिस ढंग से दिशाहीन होकर आगे बढ़ रही है, उससे वह सहज नहीं है। वे ना तो सनातन धर्म विरोधी नारे लगा सकते हैं और न ही देश की संपत्ति बनाने वाले को गाली दे सकते हैं।
गौरव वल्लभ ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लंबी चिट्ठी लिखते हुए कहा कि वह भावुक है और मन व्यथित है। वह काफी कुछ कहना चाहते हैं, और बोलना चाहते हैं, मगर संस्कारों के वजह से चुप हैं। उन्होंने आगे यह भी कहा कि कांग्रेस प्रवक्ता रहने के दौरान उन्होंने दमदार तरीके से देश के सामने पार्टी का पक्ष रखा, लेकिन अब पार्टी के स्टैंड से असहज महसूस कर रहा हूं । पार्टी ज्वाइन करने वक्त उन्होंने सोचा था कि यह देश की सबसे पुरानी पार्टी है।
गौरव वल्लभ अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कांग्रेस के स्टैंड से खुश नहीं थे, उन्होंने अपने विचार रखते हुए कहा कि वह जन्म से हिंदू और कर्म से शिक्षक हैं, पार्टी के इस स्टैंड से वे असहज थे।
प्रवक्ता के तौर पर गौरव वल्लभ ने एक अलग पहचान बनाई थी, अक्सर मीडिया के सामने गौरव अपनी वाकपटुता से दमदार तरीके से पार्टी की बातें रखते थे, टीवी चैनल्स की डिबेट में अक्सर उनके आगे विपक्षी दल के नेता झांकते नजर आते थे।