झारखंड से प्रवासी मजदूरों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। सरकार द्वारा किए जा रहे दावों के बावजूद, हजारों मजदूर रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों में जा रहे हैं।
झारखंड सरकार के श्रमाधान पोर्टल के आंकड़ों के अनुसार, राज्य से कुल 1,67,692 मजदूरों ने दूसरे राज्यों में काम करने के लिए पंजीकरण कराया है। इनमें से सबसे अधिक 19,103 मजदूर गिरिडीह जिले से हैं। इसके बाद दुमका (11,637), गुमला (11,528), साहिबगंज (11,493) और पाकुड़ (12,499) जिले हैं।झारखंड से प्रवासी मजदूर मुख्य रूप से बिहार, महाराष्ट्र, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, केरल, तमिलनाडु, अंडमान-निकोबार, लद्दाख, लक्षद्वीप, ओड़िशा, पंजाब, हरियाणा, यूपी, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में काम करने जाते हैं।
प्रवासी मजदूरों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को नुकसान हो रहा है। साथ ही, मजदूरों को भी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।झारखंड सरकार को प्रवासी मजदूरों की समस्याओं को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। इसके लिए राज्य में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के साथ-साथ मजदूरों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना जरूरी है।