राज्य में भ्रूण लिंग परीक्षण पर रोक लगाने के लिए शुरू की गई मुखबिर योजना के बारे में एक साल के बाद भी कोई शिकायत नहीं मिली है। इस योजना के अंतर्गत भ्रूण परीक्षण करने वालों को 40 हजार से एक लाख रुपये तक का इनाम दिया जाना था, लेकिन अब तक कोई व्यक्ति इस योजना का लाभ नहीं उठा पाया है।
योजना के तहत लिंग परीक्षण करने वाले सेंटरों की जानकारी देने वालों को एक लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा। इसका उद्देश्य गर्भवती महिलाओं और समाज को भ्रूण हत्या के खिलाफ जागरूक करना है, ताकि कोई भी व्यक्ति इस घटना की जानकारी दे सके।
रांची जिले के सिविल सर्जन डॉ. प्रभात कुमार ने बताया कि अब तक कोई भी शिकायत नहीं मिली है, जिसके तहत कार्रवाई की जा सके। यह योजना पिछले एक वर्ष में लड़कियों के जन्म अनुपात में वृद्धि को प्रोत्साहित करने का उद्देश्य रखती है, लेकिन इसमें मानिटरिंग की कमी और प्रचार-प्रसार की अधिकता के कारण इसका लाभ सामाजिक तौर पर नहीं हुआ है।
डॉ. प्रभात कुमार ने बताया कि योजना के डर से कुछ अच्छी बातें सामने आई हैं, जैसे कि इस वर्ष लड़कियों के जन्म लेने की संख्या में वृद्धि। हालांकि, उन्होंने कहा कि यह अभी भी एक सकारात्मक परिणाम है और यह सुनिश्चित करना होगा कि इस योजना का लाभ सभी वर्गों में पहुंचे।