रांची, 23 दिसंबर 2023 झारखंड के सरकारी स्कूलों में छात्रों को आंतरिक अंक देने में अनियमिता सामने आई है। स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के सचिव ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और अब स्कूलों में दिए गए इंटरनल अंक का सत्यापन कराया जाएगा।
जांच समिति स्कूलों में जाकर यह देखेगी कि स्कूलों ने जो आंतरिक मूल्यांकन कर विद्यार्थियों को नंबर दिए हैं, वह वाजिब हैं या नहीं। इसके लिए स्कूलों में जमा विद्यार्थियों के प्रैक्टिकल व प्रोजेक्ट पेपर की जांच की जाएगी। देखा जाएगा कि विद्यार्थियों को जिस प्रोजेक्ट पेपर को सबमिट करने के नाम पर 05 नंबर आंतरिक अंक दिए गए हैं, उक्त प्रोजेक्ट पेपर स्कूल में जमा भी किया गया है या नहीं।
दरअसल पिछले दिनों शिक्षा सचिव ने एक स्कूल के दौरे के क्रम में पाया था कि स्कूल ने बिना प्रोजेक्ट पेपर जमा किए ही विद्यार्थियों को 5-5 नंबर बांट दिए थे। इसे सचिव ने बड़ा घालमेल करार देते हुए सभी आंतरिक मूल्यांकन का सत्यापन कराने को जांच अभियान चलाने का निर्देश जारी कर दिया।
पूर्वी सिंहभूम जिले की जिला शिक्षा पदाधिकारी निर्मला कुमारी बरेलिया को निर्देशित किया गया है वे स्कूलों में इंटरनल अंक का सत्यापन कराकर उक्त सत्यापन की असल प्रति विभाग को मुहैया कराएं।
जांच में अगर किसी स्कूल में अनियमिता पाई जाती है तो संबंधित शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
क्या है आंतरिक मूल्यांकन?
आंतरिक मूल्यांकन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें स्कूल शिक्षकों के माध्यम से विद्यार्थियों का मूल्यांकन करते हैं। इसमें विद्यार्थियों की उपस्थिति, मासिक-त्रैमासिक परीक्षा, प्रोजेक्ट कार्य-शोध पत्र और अन्य गतिविधियों को शामिल किया जाता है।
झारखंड अधिविद्य परिषद द्वारा जारी दिशा-निर्देश
झारखंड अधिविद्य परिषद द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, आंतरिक मूल्यांकन के लिए कुल 20 अंक निर्धारित हैं। इसमें उपस्थिति के लिए 05 अंक, मासिक-त्रैमासिक परीक्षा के लिए 05 अंक, प्रोजेक्ट कार्य-शोध पत्र के लिए 05 अंक और अन्य गतिविधियों के लिए 05 अंक दिए जाने हैं।