Jamshedpur : एक्सएलआरआई में गुरुवार को वार्षिक कार्यक्रम तीन दिवसीय ऑनसेंबल-वल्हल्ला विधिवत आरम्भ हुआ. एक्सएलआरआई के पूर्व छात्र रहे तथा एचसीएल टेक्नोलॉजी के पूर्व सीईओ एवं संपर्क फाउंडेशन के संस्थापक सह अध्यक्ष विनीत नायर इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे. विनीत नायर समेत मंच पर मौजूद अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया. इसके बाद मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद विनीत नायर ने विद्यार्थियों को संबोधित किया. विनीत ने कहा कि जब वे 1983 में एक्सएलआरआई में पढ़ाई कर रहे थे तब काफी गर्मी थी. प्रोफेसर मैग्रेथ पसीने से लतपथ पहुंचे थे. इसी दौरान मौके पर कई आदिवासी पहुंचे और हंगामा करते हुए मारपीट करने लगे. आदिवासियों के जाने के बाद प्रोफेसर मैग्रेथ ने मौके पर मौजूद 28 छात्रों से उस वक्त की घटना का जिक्र करते हुए लिखने को कहा. उनके साथ साथ सभी 28 छात्रों ने अलग अलग बातें लिखी पर उनमें से सबसे कॉमन आदिवासी शब्द था. उन्होंने कहा कि अगर आप इनोवेशन नही कर सकते तो आपका स्टार्टअप करना बेकार है.
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विनीत ने कहा कि सबसे पहले इस बात को ध्यान में रखे कि आप नौकरी करना चाहते है या फिर अपना स्टार्टअप करना चाहते है. नौकरी करने वालों के लिए सबसे जरूरी है कि वह यह ध्यान दे कि वे जहां नौकरी कर रहे है वह उनके मन लायक है या नही. आप अपनी आंखे बंद करें और यह सोचे कि आप अपने काम से खुश है या नही तभी आप सफलता पा सकते है. अगर स्टार्टअप कर रहे है तो आपने इनोवेशन करने की क्षमता होनी चाहिए नही तो अपना स्टार्टअप बेकार है. जिस तरह एक चोर को पकड़ने के लिए कुत्ते सबसे पहले सूंघते है और गिर उस दिशा में जाते है जिस दिशा में चोर गया है ठीक उसी तरह पहले यह सोचे कि आपको करना क्या है और फिर उस दिशा में जाएं. इसके अलावा उन्होंने विद्यार्थियों के सवालों के जवाब देते हुए उन्हें मोटिवेट किया और अपने पुराने यादों को ताजा किया.