जमशेदपुर के सोनारी दोमुहानी में 3.5 एकड़ में फैले 45 हजार मैट्रिक टन कचरे से जल्द ही लोगों को मुक्ति मिल जाएगी। जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति (जेएनएसी) ने इस कचरे को बायोमाइनिंग विधि से निस्तारित करने के लिए मुंबई की कंपनी गुरु रामदास कंस्ट्रक्शन को काम दिया है। कंपनी ने इस काम के लिए 4.13 करोड़ रुपए का अनुबंध किया है।
कंपनी के मुताबिक, इस विधि में कचरे को दोबारा उपयोगी पदार्थों में बदला जाता है। कचरे से निकलने वाले जैविक पदार्थों से खाद बनाई जाएगी। प्लास्टिक और अन्य धातुओं को अलग करके उनका उपयोग किया जाएगा।
कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि इस विधि से कचरे का निस्तारण करने में छह माह का समय लगेगा। छह माह में पूरा कचरा हटा दिया जाएगा। इसके बाद सोनारी के लोगों को प्रदूषण और बदबू से मुक्ति मिल जाएगी।
कचरे का निस्तारण शुरू
गुरु रामदास कंस्ट्रक्शन कंपनी ने कचरे के निस्तारण का काम शुरू कर दिया है। कंपनी ने कचरे के ढेर में क्रासिंग मशीन लगाई है। इस मशीन से कचरे को अलग-अलग किया जाता है। कचरे से निकलने वाले जैविक पदार्थों को एकत्र किया जाता है। प्लास्टिक और अन्य धातुओं को अलग करके उनका उपयोग किया जाता है।
कचरे के निस्तारण पर खर्च होंगे 5.48 करोड़ रुपए
कचरे के निस्तारण पर जेएनएसी 5.48 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। इस राशि का उपयोग कचरे को बायोमाइनिंग विधि से निस्तारित करने के लिए किया जाएगा। इसके अलावा, कचरे से निकलने वाले जैविक पदार्थों से खाद बनाने के लिए भी कुछ राशि खर्च की जाएगी।