भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को जमशेदपुर में एक्सएलआरआइ के प्लेटिनम जुबली समारोह को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सरकार पर चुटकी ली।
धनखड़ ने कहा कि वह पश्चिम बंगाल के 47 विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति थे, लेकिन उन्हें इनमें से सिर्फ एक विश्वविद्यालय में ही दीक्षा समारोह में भाग लेने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि यह एक विचित्र बात है कि एक विश्वविद्यालय के कुलाधिपति को अपने विश्वविद्यालय में दीक्षा समारोह में भाग लेने के लिए इंतजार करना पड़े।
धनखड़ के इस बयान से ममता सरकार की नीतियों पर सवाल उठने लगे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि धनखड़ का बयान पश्चिम बंगाल में भाजपा की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है।
इसके अलावा, धनखड़ ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की तारीफ की। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के नेतृत्व में भारत आत्मनिर्भर बन रहा है। उन्होंने कहा कि एक्सएलआरआइ भी आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
धनखड़ ने कहा कि जमशेदजी टाटा ने जो परिकल्पना देश के विकास के लिए देखी थी, उसे एक्सएलआरआइ जाकर कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के डिजिटल payment की सराहना अब पूरी दुनिया कर रही है। उन्होंने नए संसद भवन भारत मंडपम और यशोभूमि के निर्माण में टाटा स्टील की भूमिका को भी सराहा।
धनखड़ ने छात्रों से अपील की कि वे भारत की अर्थव्यवस्था के बारे में ग्रामीणों को समझाएं ताकि भारत की आर्थिक तरक्की में ग्रामीण अपने महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।