आधुनिक युग में भी, बेटियां अपने भाईयों के साथ किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं, लेकिन माता-पिता की चाहत होती है कि उनका वंश आगे बढ़े। इसी चाहत के चलते जमुई के खैरा प्रखंड के मांगोबंदर गांव की 27 वर्षीय बिंदू देवी ने अपनी तीन बेटियों के बावजूद एक और बेटी को जन्म दिया है।
हालांकि, इस खुशी के बावजूद उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। उनके पति की मजदूरी से पहले दो बेटियों का पालन-पोषण करना मुश्किल था, और अब तीन और बच्चों की जन्म के बाद उनकी चिंता और बढ़ गई है। उनका कहना है कि राशन और सरकारी सुविधाएं भी उन्हें उपलब्ध नहीं हैं।
बिंदू देवी का अनुभव साबित करता है कि सरकार की तरफ से की जा रही जागरूकता मुहिमें लोगों तक पहुंचाने में कई बार कमी होती है। उन्होंने अपने अनुभव के माध्यम से बताया कि इस योजना का अधिकांश लोगों को पता ही नहीं है और वे अधिकांशत: अपने बेटों को ही आगे बढ़ाने में रुचि रखते हैं।
स्थानीय सरकार और सामाजिक संगठनों के सहयोग से बिंदू देवी और उसके परिवार को आर्थिक समर्थन प्रदान करने के लिए प्रयासशील हैं। इसके बावजूद, इस मामले में जागरूकता और समर्थन की आवश्यकता है ताकि ऐसे परिस्थितियों में माताएँ अपने बच्चों का भरण-पोषण करने में सक्षम हों और समाज में समर्थन प्राप्त कर सकें।