झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति के बैनर तले जमशेदपुर के साकची आम बागान से वीर शहीद बिरसा मुंडा चौक तक शांतिपूर्ण रूप से जन आक्रोश रैली सह मशाल जुलूस निकाला गया. पिछले दिन 1932 ख़ातियान विरोधी मंच द्वारा झारखंड भाषा खतियान संघर्ष समिति के केंद्रीय अध्यक्ष जयराम कुमार महतो का पुतला दहन किया गया था. JBKSS की नेत्री बेबी महतो ने मौके पर कहा कि यह स्पस्ट होता है कि हमारे राज्य में झारखंड एवं झारखंडी विरोधी लोग किसी भी हद तक जा सकते हैं.
बेबी महतो ने कहा कि किरायेदार लोग जो अपना पेट पालने के लिए हमारे राज्य में शरणार्थी के रूप में आया था आज वही लोग झरखण्डियों के ऊपर अपना रौब दिख रहा है. बाहरियों को यह याद दिलाना जरूरी है कि इस प्रदेश के लोगों ने कभी भी बाहरी लोगों का प्रभुत्त्व स्वीकार नहीं किया है और न ही आगे करेगी. आज़ादी से ले कर अलग झारखंड का आंदोलन तक हमारे लोग शहीद होते रहे, मरते रहे, कटते रहे और अब जब हक़ अधिकार की बात आती है तो बाहरियों द्वारा आन्दोलनकारियों का पुतला दहन किया जाने लगा है.
झारखंड के लोग अब ऐसा कुकृत्त बर्दास्त नही करेगा. उन्होंने कहा की दो साल के आंदोलन से जयराम दा ने सभी झारखण्डियों को अपना अधिकार के बारे में जगा दिया है. सवाल तो प्रशासन पर भी उठता है कि प्रशासन ने कैसे परमिशन दे दिया जयराम महतो के पुतला दहन करने का. क्या यह साजिश नही है.