रांची, 24 नवंबर 2023: झारखंड सरकार ने लीज बंदोबस्ती की शर्तों के उल्लंघन करने वाली संस्थाओं से जमीन वापसी के कानून में संशोधन किया है। अब लीज की शर्तों का उल्लंघन करने के बाद भी जमीन पर हक बनाए रखने के लिए संस्थाओं को सरकार की ओर से निर्धारित नई शर्तों के अनुरूप राशि का भुगतान करना होगा।
पूर्व में लीज की शर्तों के उल्लंघन करने पर लीज रद्द कर दी जाती थी। लेकिन अब सरकार ने यह व्यवस्था की है कि लीज की शर्तों का उल्लंघन करने पर लीज तो रद्द नहीं होगी, लेकिन संस्थाओं को जुर्माना देना होगा। जुर्माने की राशि की गणना लीज की अवधि, भूमि की कीमत और उल्लंघन की गंभीरता के आधार पर की जाएगी।
सरकार ने लीज बंदोबस्ती की अवधि को भी बढ़ा दिया है। अब सरकारी भूमि को 60 और 99 वर्षों के लिए भी लीज पर दिया जा सकता है। इससे पहले लीज की अवधि 30 वर्ष तक ही थी।
सरकार ने लीज हस्तांतरण और सब लीज के लिए भी नई शर्तें निर्धारित की हैं। अब लीज हस्तांतरण और सब लीज के लिए मंत्री परिषद की मंजूरी आवश्यक होगी।
सरकारी भूमि का हस्तांतरण निम्नलिखित संस्थाओं के साथ किया जा सकेगा:
झारखंड सरकार के विभिन्न विभाग, संस्थान व उपक्रम
भारत सरकार की संस्थाओं एवं उपक्रम
अन्य किसी भी राज्य की संस्थाएं
निजी संस्थाओं के द्वारा सामाजिक कार्य यथा स्वास्थ्य, शैक्षणिक सेवाएं आदि उपलब्ध कराने के लिए
लीज बंदोबस्ती केवल तब हो सकेगा, जब सरकारी भूमि संस्थान के प्रोजेक्ट में समाहित हो।
यह संशोधन झारखंड सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे सरकार को सरकारी भूमि का अधिक कुशलता से उपयोग करने में मदद मिलेगी।