झारखंड की राजधानी रांची में शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। इस प्रदर्शन में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (सीपीआईएम), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और आम आदमी पार्टी (आप) सहित कई विपक्षी दल शामिल होंगे।
झामुमो के जिला अध्यक्ष मुस्ताक अंसारी की अध्यक्षता में गुरुवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) कार्यालय में एक बैठक हुई, जिसमें इस विरोध प्रदर्शन की रूपरेखा तैयार की गई। बैठक में मुख्य रूप से पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय, कांग्रेस पार्टी के महासचिव सुरेंद्र सिंह, प्रवक्ता राकेश सिन्हा, भाकपा के प्रदेश सचिव महेंद्र पाठक, कांग्रेस जिला अध्यक्ष राकेश किरण महतो, भाकपा माले के शुभेंदु सेन, राजद के जिला अध्यक्ष धर्मेंद्र महतो, सीपीआई के समीर दास, भाकपा के जिला सचिव अजय कुमार सिंह और आप के संजय कुमार रजक उपस्थित थे।
बैठक में नेताओं ने कहा कि भाजपा लगातार लोकतंत्र की गला घोट रही है। मोदी सरकार के हाथों लोकतंत्र और संविधान अब तो देश के सांसद भी सुरक्षित नहीं हैं। भारतीय जनता पार्टी के संसद के अंदर तांडव मचाने वाले को बचाने के लिए 151 सांसदों को निष्कासित कर दिया गया।
नेताओं ने कहा कि यह लोकतंत्र हत्या है। देश में आपातकाल की स्थिति है। सदन में जबरदस्ती गैर कानूनी सभी फैसले लिए जा रहे हैं। गैरसंवैधानिक तरीके से देश के विपक्षी नेताओं पर कार्रवाई की जा रही है। आने वाले दिनों में महागठबंधन के नेता असंविधान को बचाने के लिए सड़कों पर उतरेंगे।
शुक्रवार को रांची जिला स्कूल के मैदान से आक्रोश मार्च निकलेगा जो राजभवन तक जाएगा और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा।