बुधवार को पलामू जिले के व्यवहार न्यायालय में हुई सुनवाई में, आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामले में झारखंड के पेयजल मंत्री मिथिलेश ठाकुर को बरी कर दिया गया है। एमपी-एमएलए के स्पेशल मजिस्ट्रेट सतीश कुमार मुंडा की अदालत ने मंत्री को बरी करने का निर्णय लिया।
मामले का पीछा साल 2014 में गढ़वा के चनिया में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान किया गया था, जहां मिथिलेश ठाकुर को आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगा था। इसके बाद मेराल थाना में मामला दर्ज किया गया और कोर्ट ने सुनवाई के बाद उन्हें बरी कर दिया है।
मंत्री ने सुनवाई के दौरान पहले ही कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया था और उन्होंने खुद को निर्दोष साबित करने के लिए सभी संभावनाओं का सामना किया था। कोर्ट ने सभी प्रमाणों और पक्षों को मध्यस्थता के साथ सुना और फिर निर्णय देते हुए मंत्री को बरी कर दिया।