जमशेदपुर के साकची गुरुद्वारा में मंगलवार को वीर बाल दिवस पर कीर्तन दरबार का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो, सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान भगवान सिंह, साकची गुरुद्वारा के प्रधान निशान सिंह, भाजपा जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव, वीर बाल दिवस समारोह के आयोजन समिति के सह संयोजक और भाजपा वरिष्ठ नेता कुलवंत सिंह बंटी समेत अन्य शामिल रहे।
कार्यक्रम में सबसे पहले स्त्री सत्संग सभा ने सुखमनी साहिब का पाठ किया। कथा वाचक भाई सुखविंदर सिंह एवं अमृत पाल सिंह ने चार साहेबजादो के इतिहास संगत को बताया। उसके पश्चात कीर्तन दरबार भाई संदीप सिंह द्वारा किया गया। अंत में अरदास के बाद लंगर का वितरण किया गया।
इस दौरान जमशेदपुर सांसद विद्युत वरण महतो ने कहा कि 2022 को प्रधानमंत्री द्वारा 9 जनवरी को गुरु गोविंद सिंह जी के प्रकाश उत्सव पर हर वर्ष 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाये जाने का ऐलान किया था। तब से उसी के तहत कार्यक्रम का आयोजन विभिन्न गुरुद्वारों में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सिखों का बलिदानी को भुलाया नहीं जा सकता है। छोटी सी उम्र में ही साहेबजादों को बाबा की उपाधि देना कोई साधारण बात नहीं है। मानवता की रक्षा के लिए गुरु गोविंद सिंह जी के परिवार ने कुर्बानी दी थी।
वहीं सेंट्रल गुरुद्वारा के प्रधान ने कहा कि हम सिखों का इतिहास शुरू से स्वर्णिम रहा है और 21 से 27 दिसंबर के दिन में शुभ काम या खुशी मनाने का काम नहीं किया जाता है। हमारे गुरुओं ने जो शहादत दी है उससे ही आज सिखी और सनातन बचा है। इस तरह के कार्यक्रम के तहत हम अपने बच्चों को भी उनकी शिक्षा और इतिहास बताते है।
र्यक्रमों के माध्यम से ही अपने बच्चों को अपने धर्म के इतिहास बताने की कोशिश
साकची गुरुद्वारा के प्रधान निशांत सिंह ने कहा कि हम इस तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से ही अपने बच्चों को अपने धर्म के इतिहास बताने की कोशिश करते है। उन्हों ने कहा कि आने वाले समय में इस तरह का आयोजन और बड़े पैमाने पर किया जायेगा।
भाजपा नेता कुलवंत सिंह बंटी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिख समाज को तो साहेबजादों का इतिहास पता था इसके अलावा बाकी समाज को छुपा हुआ इतिहास बताने का काम किया है, इसे वीर बाल दिवस के रूप में मना कर यह सिख मिलती है कि धर्म परिवर्तन का दबाव डालने के बावजूद गुरु गोविंद सिंह जी के साहेबजादो ने शहादत को ही चुना। साहेबजादे बाबा जुझार सिंह एवं बाबा फतेह सिंह जी को जब दीवार में चुनवाया गया उस समय उनकी उम्र सात और नौ वर्ष थी।
कार्यक्रम के अंत में मंच संचालन सुरजीत सिंह छीते और धन्यवाद ज्ञापन सतवीर सिंह सोमू ने किया।