ओडिशा 31May2024, पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर, भगवान जगन्नाथ श्रीकृष्ण का अवतार उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को समर्पित एक विशाल हिंदू मंदिर है। यह मंदिर 12वीं शताब्दी का है और वैष्णव धर्म का एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। जगन्नाथ मंदिर अपनी भव्यता, धार्मिक महत्व और अनूठी परंपराओं के लिए जाना जाता है।
जगन्नाथ मंदिर 20 एकड़ के परिसर में फैला हुआ है और इसमें चार द्वार, चार मीनारें और एक विशाल शिखर है। मंदिर का निर्माण उड़ीसा शैली की वास्तुकला में किया गया है, जो दक्षिण भारत की मंदिर वास्तुकला से प्रेरित है। मंदिर के चारों ओर कई मंडप और मंदिर हैं, जिनमें से प्रत्येक का अपना धार्मिक महत्व है।


मंदिर की मुख्य मूर्तियां लकड़ी से बनी हैं और इन्हें नेमिडला कहा जाता है। इन मूर्तियों को हर 12 साल में बदला जाता है, जिसे नवकलेवर कहा जाता है। यह उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है और लाखों श्रद्धालु इसमें भाग लेते हैं।
मंदिर रथ यात्रा के लिए भी प्रसिद्ध है, जो दुनिया का सबसे बड़ा रथ उत्सव है। इस उत्सव में, भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियों को विशाल रथों पर रखकर शहर की यात्रा करवाई जाती है। लाखों लोग इस यात्रा में शामिल होते हैं और रस्सी खींचकर रथों को आगे बढ़ाते हैं।


मंदिर की वास्तुकला
जगन्नाथ मंदिर 20 एकड़ के परिसर में फैला हुआ है और इसमें चार द्वार, चार मीनारें और एक विशाल शिखर है। मंदिर का निर्माण उड़ीसा शैली की वास्तुकला में किया गया है, जो दक्षिण भारत की मंदिर वास्तुकला से प्रेरित है। मंदिर के चारों ओर कई मंडप और मंदिर हैं, जिनमें से प्रत्येक का अपना धार्मिक महत्व है।
मूर्तियां और रथ
मंदिर की मुख्य मूर्तियां लकड़ी से बनी हैं और इन्हें नेमिडला कहा जाता है। इन मूर्तियों को हर 12 साल में बदला जाता है, जिसे “नवकलेवर” कहा जाता है। यह उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है और लाखों श्रद्धालु इसमें भाग लेते हैं।
मंदिर रथ यात्रा के लिए भी प्रसिद्ध है, जो दुनिया का सबसे बड़ा रथ उत्सव है।
अनूठी परंपराएं
जगन्नाथ मंदिर कई अनूठी परंपराओं का पालन करता है, जिनमें शामिल हैं:-
महाप्रसाद: मंदिर में रोजाना 56 तरह के भोग बनाए जाते हैं, जिन्हें महाप्रसाद कहा जाता है। यह प्रसाद भक्तों को वितरित किया जाता है और माना जाता है कि यह पवित्र और अत्यंत शुभ है।
नियमित पूजा: मंदिर में दिन भर नियमित रूप से पूजा-अर्चना की जाती है। भक्त दर्शन के लिए मंदिर में आते हैं और भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियों की पूजा करते हैं।
सेवा: मंदिर में कई सेवाएं आयोजित की जाती हैं, जिनमें भक्त मंदिर के कार्यों में भाग ले सकते हैं। इन सेवाओं में शामिल हैं: झाड़ू लगाना, फूल चढ़ाना, और भोग बनाना।


जगन्नाथ मंदिर हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। यह मंदिर वैष्णव धर्म के चार प्रमुख धामों में से एक है, और अन्य तीन धाम बद्रीनाथ, द्वारका और रामेश्वरम हैं।
जगन्नाथ मंदिर अपनी भव्यता, धार्मिक महत्व और अनूठी परंपराओं के लिए एक अद्वितीय तीर्थस्थल है। यह मंदिर भारत की समृद्ध संस्कृति और विरासत का प्रतीक है।
जगन्नाथ मंदिर की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक होता है, जब मौसम सुहावना होता है।
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