झारखंड में माओवादियों के रणनीतिकार पतिराम मांझी और मिसिर बेसरा कोल्हान पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती प्रस्तुत कर रहे हैं। इन नक्सली कमांडरों पर एक-एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित किया गया है। पतिराम मांझी और मिसिर बेसरा गिरिडीह जिले के पीरटांड़ थाना क्षेत्र के निवासी हैं।
इन दोनों नक्सली रणनीतिकारों के खिलाफ पिछले दस महीने से झारखंड पुलिस द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है। मुठभेड़ों के दौरान कई बार सुरक्षाबलों और नक्सली कमांडों के बीच संघर्ष हुआ है, लेकिन इन नक्सलियों को हर बार भागने में सफलता मिली है।
मिसिर बेसरा, जो नक्सली संगठन के मुख्य रणनीतिकार है, एक करोड़ रुपये के इनामी हैं। उन्होंने नक्सली बनने के बाद अपने गांव से दूर रहकर संगठन में अपना योगदान दिया है। मिसिर बेसरा की तेज बुद्धि और विभिन्न भाषाओं में अच्छी पकड़ के कारण उन्होंने भाकपा माओवादी में अलग पहचान बनाई।
पतिराम मांझी, जो अनल दा नाम से भी जाने जाते हैं, 1987 से 2000 तक पीरटांड़-टुंडी-तोपचांची इलाके में गोपाल दा के नाम से प्रसिद्ध थे। इस दौरान, उन्होंने नक्सलियों को इस क्षेत्र में मजबूत किया और उनका सिक्का चलाया। इसके बाद उन्हें जमुई भेज दिया गया और वह गिरिडीह में पुलिस के बढ़ते दबिश के चलते कोल्हान व पोड़ाहाट इलाके के ट्राईजंक्शन में ठिकाना बनाए रख रहे हैं। उन्होंने यहां से कई बड़ी घटनाएं को अंजाम दिया हैं और पुलिस को लगातार चुनौती प्रदान की हैं।