झारखंड के श्रम नियोजन सह प्रशिक्षण एवं कौशल विकास मंत्री सत्यानंद भोक्ता के बेटे मुकेश कुमार भोक्ता को चतरा व्यवहार न्यायालय में चपरासी के पद पर चयन किया गया है। इसके साथ ही मंत्री के भतीजे रामदेव कुमार भोक्ता का नाम वेटिंग लिस्ट में है।श्रम मंत्री के बेटे को चपरासी बनाने पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं, क्योंकि राज्य में 3.5 लाख सरकारी पद खाली हैं और सरकार चुप है।
विपक्ष ने बेरोजगारी की समस्या पर भी सवाल उठाया है, क्योंकि झारखंड में 7.5 लाख से ज्यादा पंजीकृत बेरोजगार हैं, लेकिन रोजगार के मौके कम हैं। झारखंड में अलग-अलग स्तर पर करीब 3.5 लाख पद खाली हैं, लेकिन सरकार इन पदों पर भर्तियां निकालने में असफल रही है। विपक्ष द्वारा यह भी आलेख में उठाया गया है कि पार्टी ने घोषणा पत्र में हर साल 5 लाख रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन इस पर अमल करने में कठिनाई हो रही है।
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने बड़े और छोटे काम के महत्व को समझाया है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा है कि राज्य में रोजगार के मौके कम हैं।
लोबिन हेंब्रम, झामुमो विधायक, ने बताया कि कई विभागों में हजारों पद खाली हैं और बेरोजगारों की संख्या में वृद्धि हो रही है। उन्होंने सरकार को यह भी याद दिलाया कि पिछले घोषणा पत्र में 5 लाख रोजगार की बात की गई थी, लेकिन यह वादा पूरा नहीं हो रहा है। उन्होंने संकेत दिया कि इस पर सरकार को विचार करना चाहिए।
झारखंड में विभिन्न विभागों में खाली पदों की संख्या और बेरोजगारी की स्थिति को बताते हुए, लोबिन हेंब्रम ने सरकार को कार्रवाई करने की अपील की है।