जमशेदपुर में मदरसा जियाईया दारुल किरात के तत्वावधान में 23वाँ उर्स मुजव्विद-ए-आजम-ए-हिंद व जलसा-ए-दस्तारबंदी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मदरसा के संस्थापक कारी असलम रब्बानी जियाई ने की।
कार्यक्रम का शुभारंभ 9 बजे सुबह कुरान ख़्वानी के साथ हुआ। इसके बाद 10 बजे सुबह जलसा का शुभारंभ मुजाहिर-ए-किरात से किया गया। इस जलसे में देश के कई मशहूर किरातकारों ने हिस्सा लिया, जिनमें कारी शम्स तबरेज़ जियाई कोलकाता, कारी जव्वाद आलम गोडडा, कारी जाहाँगिर छत्तीस गढ़, कारी रिज़वा अकरम भागलपुर, कारी गुलाम अब्बास सीतामढ़ी, कारी मोहम्मद अखलाक सीतामढ़ी आदि शामिल थे।
कार्यक्रम के दौरान कारी इस्माईल सम्भलपुरी ने हम्द बारी ताला पढ़ा, कारी आफताब आलम बांका और कारी सरफराज़ उल्फत कोलकाता आदि शायरों ने अपने अपने नातिया कलाम पेश किया और कारी मोहम्मद अहमद जिया इब्ने कारी असलम रब्बानी जियाइ ने मन्कबत से कार्यक्रम में मौजूद लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया।
जलसा में मुफ्ती तौसीफ आलम मिस्बाही ने इल्म की अहमियत पर, मुफ्ती ओवैस रज़ा अज़हरी ने मुल्क वफादारी और मुफ्ती अलाउद्दीन साहब ने इल्मे तजवीद व किरात की ज़रुरत और फजीलत पर बयान दिया।
जोहर की नमाज़ के समय तक जलसा जारी रहा। इसके उपरांत 12 बच्चों की दस्तारबंदी की गई। जिनमें कारी मोहम्मद नवाज़िश हजारीबाग, कारी अब्दुल माजिद हज़ारीबाग, कारी शादवाज़ आलम जमशेदपुर, कारी मोहम्मद जुनैद बांका और कारी फरीद रज़ा गिरीडिह को दस्तारे किरात से नवाजा गया। वहीं हाफिज अब्दुल वाजिद भागलपुर, हाफिज़ इनायत आलम उत्तर दीनाजपुर, हाफिज अब्दुर रउफ देवघर, हाफिज सद्दाम हुसैन आसनसोल, हाफिज आज़म रजा हज़ारीबाग, हाफिज़ शैख मोहम्मद हरम जमशेदपुर और हाफिज इरफान रजा धनबाद को दस्तारे हिफ्ज़ से नवाजा गया।
दोपहर 2:40 में कुल शरीफ का आयोजन किया गया। मदरसा के अध्यक्ष हज़रत कारी मो० असलम रब्बानी जियाई ने मुल्क और समाज की तरक्की और अमन के लिए दुआ की। अंत में मुफ्ती शफाअत नूरी मिस्बाही ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
इस समारोह में काफी संख्या में स्थानीय लोग व उलेमा-ए-किराम मौजूद थे। मुख्य रुप से समाज सेवी अलहाज मो० रज़ी नौशद साहब, आजादनगर थाना शांति समिति के सचिव मुख्तार आलम खान, मदरसा के सचिव जनाब सुहैल खान साहब, ईन्जीनियर बिलाल नासिर साहब, कारी इम्तियाज़ आलम, कोलकाता, कारी शाहनवाज अनवर कोलकाता, कारी अमजद जियाइ, कारी सगीर अहमद जियाई, कारी लुक्मान, कारी रियाज़ आदि मौजूद थे।