झारखंड की अदालतों में पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज मामलों में पीड़िता के पूर्व के बयान से पलटने के कारण आरोपियों को बरी करने की घटनाएं बढ़ रही हैं। इस साल अब तक 177 मामलों में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है, जिनमें से 77 मामलों में फैसला आ चुका है। इनमें से 8 मामलों में पीड़िता ने अदालत में अपने बयान से पलटने के कारण आरोपी बरी हो गए। इनमें से दो मामलों में फैसला सिर्फ चार सप्ताह में आया।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक गंभीर समस्या है। पीड़िता के बयान से पलटने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि परिवार या समाज का दबाव, आर्थिक तंगी, या भय। इससे अभियोजन पक्ष को आरोप को साबित करने में मुश्किल होती है और आरोपी बरी हो जाते हैं।
छह दिनों में इन आठ मामलों के आरोपी रिहा:
धुर्वा कांड संख्या 85/2023 के आरोपी बीरेंद्र सिंह बिंझिया
इटकी थाना कांड संख्या 74/2023 के आरोपी एक्स
नामकुमा थाना कांड संख्या 214/2023 के आरोपी सुखराम मुंडा उर्फ रिरा मुंडा
जगनाथपुर थाना कांड संख्या 235/2023 के आरोपी निरूपम
सोनाहातू थाना कांड संख्या 36/2023 के आरोपी बुधु उर्फ बसुदेव मुंडा
बेड़ो थाना कांड संख्या 93/2023 के आरोपी तैयब अंसारी उर्फ तयब राय
चुटिया थाना कांड संख्या 267/2022 के आरोपी अमरेश कुमार
अरगोड़ा थाना कांड संख्या 248/2020 के आरोपी कुलदीप