जमशेदपुर ,1989 से झामुमो का सिपाही बन कर झामुमो पार्टी की नीति सिद्धांतों और गुरु जी के विचारों से सहमत हो कर छात्र जीवन में झामुमो का सदस्य बना।
मेरे राजनीति गतिविधि से प्रभावित होकर स्वर्गीय दुर्गा सोरेन ने मुझे पूर्वी सिंहभूम जिला छात्र विंग का मुख संयोजक बनया और उस के बाद पार्टी के मदर विंग से नगर वा ज़िला समिति में कई बार संगठनिक चुनावों में निर्वाचित होकर संगठन को मजबूती प्रदान किया। मुझे केंद्र समिति में भी स्थान मिला। मैंने झामुमो पार्टी की हर ज़िमेदारी को ईमानदारी से निभाया। लेकिन कुछ वर्षों से झारखंड मुक्ति मोर्चा तुष्टिकरण जैसे शब्दों से डर कर मुस्लिम मुक्त संगठन पर जोर दिया है जो काफी दुखद और चिंता का विषय है।
हमने अपने राजनीतिक जीवन में पहली बार देखा कि केन्द्र समिती द्वारा जिला समिति पूर्वी सिंहभूम के पदाधिकारी के मनोनीत पर एक मुस्लिम चेहरों को स्थान नहीं दिया गया।वहीं जिला 20 सूत्री समिति का गठन हुआ पूरे जिला में एक भी मुस्लिम सदस्य को स्थान नहीं दिया गया।
जमशेदपुर पश्चिम विधान सभा क्षेत्र से एक भी मुस्लिम सदस्य को केन्द्र समिति में शामिल नहीं किया गया जहां लग भाग 40% मुस्लिम आबादी है। गो सेवा आयोग का गठन कर दिया गया। लेकिन मोबलिंचिग पर हेमंत सरकार बेबस दिखी।
सैकड़ो उर्दू टीचरों की बहाली नहीं हुई,उर्दू भाषा को दूसरे दर्ज दिया गया लेकिन आज तक उर्दू अकादमी का गठन नहीं किया गया।
झारखंड राज्य में मदरसा बोर्ड का गठन नहीं किया गया। अल्पसंख्यक वित्तीय निगम आयोग का गठन नहीं किया गया है।
सैकड़ो मदरसों को सरकारी मान्यता आज तक नहीं दी गई।
जमशेदपुर पश्चिम विधान सभा कदमा थाना क्षेत्र शास्त्री नगर में हुए दंगों में मस्जिदों पर हमला हुआ नमाज़ पढ़ते नमाजियों की गिरफ्तारी हुई जिन्हें 4 माह जेल में रखा गया और 10 दिन में दंगाइयों की रिहाई पर झामुमो की खामोशी ने मुझे और मेरे समाज को तोड़ कर रख दिया है। रांची में हुए दंगों में भी आज तक मुसलमानों को इंसाफ़ नहीं मिला।
2024 झारखण्ड विधान सभा चुनाव के 2 महीना पहले वक्फ बोर्ड का गठन मुसलमानों को खुश करने को लेकर किया गया।
ऐसी कई घटनाएं मुस्लिम समाज के साथ हुई जिस में झामुमो की चुप्पी से मुझे बहुत पीड़ा हुई है। क्यों कि वर्तमान में सेकुलर पार्टी हेमंत सोरेन की सरकार है। फिर मुस्लिम समाज इंसाफ़ से दुर है।गुरु जी,हेमंत जी, स्वर्गीय दुर्गा सोरेन, शहीद सुनील महतो निर्मल महतो सुधीर महतो के विचारों काफी प्रभावी हुं। लेकिन आज झामुमो संगठन के दुश्मन संगठन को अपने कब्जे में कर रखा है जिस से संगठन कमजोर पड़ रहा है। अब में दूसरी राजनिति पार्टी से जुड़ कर गुरु जी, हेमंत जी,के विचारों को लेकर जनता की सेवा खुल कर करूंगा।
झामुमो पार्टी के प्राथमिक सदस्य से इस्तीफा दे रहा हूं। क्यूं कि जी हजूरी चापलूसी करने वाले जिनके बूथ से दर्जन भर वोट नहीं मिलता उनको पार्टी का पद मिलता है और बड़े मंच पर स्थान दिया जाता है। जिस समाज के वोट से झामुमो गठबंधन को इज्जत मिलती है। उस समाज के नेताओं को अपमानित किया जा रहा। यदि इस परंपरा पर रोक नहीं लगाई गई तो झामुमो तेरा खुदा हाफिज ।
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