नई दिल्ली,28 दिसंबर 2023: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राजीव गांधी हत्याकांड के एक दोषी एजी पेरारिवलन की दया याचिका पर सुनवाई करते हुए तमिलनाडु सरकार से पूछा कि उसने इस मामले में क्या फैसला लिया है? कोर्ट ने हत्या के पीछे बड़ी साजिश का पता लगाने वाली सीबीआई के नेतृत्व में मल्टी डिसिप्लिनरी मॉनिटरिंग एजेंसी (एमडीएमए) की जांच के बारे में भी नाराजगी जताई।
जस्टिस एल नागेश्वर राव और दीपक गुप्ता की पीठ ने तमिलनाडु सरकार से कहा, “संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत आपने क्या फैसला लिया है? हमें बताएं कि आपने दया याचिका पर फैसला लिया है या नहीं?”
याचिकाकर्ता एजी पेरारिवलन ने एमडीएमए की जांच पूरी होने तक उसे दी गई उम्रकैद की सजा को निलंबित रखने का अनुरोध किया है।
न्यायालय ने केंद्र सरकार से भी पूछा कि एमडीएमए की जांच में क्या प्रगति हुई है? केंद्र सरकार ने कहा कि वह श्रीलंका और दूसरे देशों को भेजे गए अनुरोध पत्रों का जवाब नहीं मिला है।
इससे पहले, केंद्र सरकार ने मद्रास हाई कोर्ट को बताया था कि उसने राजीव गांधी हत्या मामले में उम्र कैद की सजा पाए सभी सातों दोषियों को रिहा करने के तमिलनाडु सरकार के मार्च 2016 के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। केंद्र सरकार का कहना था कि इससे खतरनाक परंपरा की शुरुआत हो जाएगी।
उल्लेखनीय है कि 21 मई 1991 को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की एक चुनावी रैली में आत्मघाती हमले में हत्या कर दी गई थी। विशेष टाडा अदालत ने केस में सात आरोपियों वी श्रीहरन, टी सत्येंद्रराजा, जयकुमार, रॉबर्ट पायस (सभी श्रीलंका के नागरिक) और एजी पेरारिवलन, रविचंद्रन और नलिनी (भारतीय) को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी।