रांची, 15 दिसंबर 2023: झारखंड में प्राथमिक शिक्षकों की प्रोन्नति और सरप्लस शिक्षकों के स्थानांतरण को लेकर शिक्षकों में आक्रोश है। प्रोन्नति संबंधी आदेश पत्र जारी होने के दो माह बाद भी शिक्षा विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करने से शिक्षकों में असंतोष बढ़ रहा है।
गुरुवार को इस मुद्दे को लेकर झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ की पूर्वी सिंहभूम इकाई द्वारा उपायुक्त सह अध्यक्ष जिला शिक्षा स्थापना समिति (पूर्वी सिंहभूम) को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में कहा गया कि प्रोन्नति नियमावली 1993 के प्रावधानों के आलोक में एवं विभागीय मार्गदर्शन के लिए भेजे गए पत्र पांच अक्तूबर तथा 14 नवंबर को प्राप्त होने और इसमें उल्लेखित निर्देश के अनुसार जिले के प्राथमिक शिक्षकों को ग्रेड 7 पद में प्रोन्नति देने के लिए औपबंधिक वरीयता सूची संख्या चार का प्रकाशन किया जाना है। विभागीय मार्गदर्शन के दो माह बीतने के बावजूद आज तक वरीयता सूची का प्रकाशन जिले में नहीं हो पाया। जबकि कई जिलों में इसका प्रकाशन किया जा चुका है।
शिक्षकों के स्थानांतरण के संबंध में भी विभागीय निर्देश
ज्ञापन में यह भी कहा गया कि अधिशेष शिक्षकों के स्थानांतरण के संबंध में भी विभागीय निर्देश के आलोक में जिस सूची का प्रकाशन किया गया है, वह त्रुटिपूर्ण है। अधिक छात्र संख्या वाले अनेक विद्यालयों जैसे झंडा सिंह मध्य विद्यालय, डिमना मध्य विद्यालय एवं करनडीह मध्य विद्यालय से सात से आठ शिक्षकों को सरप्लस बताया गया है। अनेक विद्यालयों के लिए जारी सरप्लस शिक्षकों की सूची आरटीई अधिनियम 2009 के मानकों के अनुसार नहीं है। प्रावधान के अनुसार प्राथमिक कक्षाओं जहां 1 से 5 तक की पढ़ाई होती है, वहां 30 छात्र पर एक शिक्षक तथा कक्षा 6 से 8 के लिए 35 छात्र पर एक शिक्षक होना चाहिए। उक्त सरप्लस सूची से सरप्लस शिक्षकों का स्थानांतरण किया गया तो छात्र शिक्षक अनुपात में काफी असमानता होगी।
ज्ञापन में उपायुक्त से निवेदन किया गया है कि ग्रेड 7 पद हेतु वरीयता सूची का प्रकाशन शीघ्र कराते हुए सरप्लस शिक्षकों की सूची को छात्र शिक्षक अनुपात में समीक्षा कर प्रकाशित करने की कृपा की जाए।
शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष रंजीत कुमार पांडे ने कहा कि प्रोन्नति और सरप्लस शिक्षकों के स्थानांतरण का मामला लंबे समय से लंबित है। शिक्षा विभाग द्वारा जल्द से जल्द इन मामलों का निपटारा नहीं किया गया तो शिक्षक आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।