झारखंड में एचआईवी संक्रमण के मामले चिंताजनक रूप से बढ़ रहे हैं। राज्य में इस साल 6,22,140 लोगों की जांच की गई, जिसमें 975 लोग संक्रमित पाए गए। इससे राज्य में कुल एचआईवी संक्रमितों की संख्या बढ़कर 15,326 हो गई है।
राज्य में सबसे अधिक एचआईवी संक्रमित हजारीबाग जिले में हैं। यहां कुल 3,465 एचआईवी संक्रमित हैं। इसके बाद जमशेदपुर में 2,409, धनबाद में 1,345, और रांची में 1,476 एचआईवी संक्रमित हैं।
एचआईवी संक्रमण का खतरा असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित इंजेक्शन को साझा करना, और संक्रमित व्यक्ति का रक्त लेने से होता है। एचआईवी संक्रमण की पुष्टि के लिए खून की जांच जरूरी है।
सरकार एचआईवी संक्रमितों को राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड, और पेंशन का लाभ दे रही है। इसके अलावा, एलिमिनेशन ऑफ पैरेंट टू चाइल्ड ट्रांसमिशन ऑफ एचआईवी कार्यक्रम के तहत एचआईवी संक्रमित माता-पिता से होने वाले बच्चों को एड्स संक्रमित होने से बचाया जा रहा है।
एचआईवी संक्रमण से बचाव के उपाय
असुरक्षित यौन संबंध न बनाएं।
संक्रमित इंजेक्शन को साझा न करें।
संक्रमित व्यक्ति का रक्त न लें।
सुरक्षित यौन संबंध के लिए कंडोम का इस्तेमाल करें।
संक्रमित व्यक्ति के साथ भोजन करने, हाथ मिलाने, या छींकने-खांसने से संक्रमण नहीं फैलता है।
जागरूकता जरूरी
एचआईवी संक्रमण के बारे में जागरूकता बढ़ाना जरूरी है। लोगों को एचआईवी संक्रमण के खतरों और बचाव के उपायों के बारे में पता होना चाहिए।
झारखंड में एचआईवी संक्रमण के मामले बढ़ने के कारण
झारखंड में एचआईवी संक्रमण के मामले बढ़ने के कई कारण हैं, जिनमें शामिल हैं:
असुरक्षित यौन संबंधों में वृद्धि
संक्रमित इंजेक्शन को साझा करना
संक्रमित रक्त का इस्तेमाल
एचआईवी के बारे में जागरूकता की कमी
झारखंड में एचआईवी संक्रमण से बचाव के लिए उपाय
झारखंड में एचआईवी संक्रमण से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
सुरक्षित यौन संबंध बनाएं।
संक्रमित इंजेक्शन को साझा न करें।
संक्रमित रक्त का इस्तेमाल न करें।
एचआईवी के बारे में जागरूकता बढ़ाएं।
सरकार द्वारा भी एचआईवी संक्रमण से बचाव के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों के तहत लोगों को एचआईवी संक्रमण के बारे में जागरूक किया जा रहा है और उन्हें सुरक्षित यौन संबंध बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।