एक मानसिक रूप से विकलांग नाबालिग से किए गए दुष्कर्म के मामले में, कोडरमा अपर जिला और सत्र न्यायाधीश प्रथम गुलाम हैदर ने आरोपी बबलू कर्मकार को 25 साल की कड़ी सजा सुनाई है। इस मामले में उन्होंने यह भी तय किया कि 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया जाएगा, और जुर्माना नहीं देने पर और 2 साल की सजा होगी।
मामले का पूरा विवरण:
2020 में, तिलैया थाने में एक नाबालिग की मां ने आवेदन दाखिल किया, जिसमें उन्होंने अपनी बेटी को मानसिक रूप से विकलांग बताया। एक दिन, उसकी बेटी को उसके क्वार्टर में जबरन घुसा लिया गया और वहां दुष्कर्म किया गया।
मामले में न्यायिक प्रक्रिया के दौरान, 8 गवाहों का परीक्षण किया गया, और उनकी सभी साक्षात्कार और गवाही को मध्यस्थता के रूप में लिया गया। अदालत ने अभियोगी के खिलाफ ठोस सबूत प्रस्तुत करते हुए उसे दोषी पाया और 25 साल की कड़ी सजा सुनाई गई, जिसमें 15 साल का कठोर कारावास और 10 साल का सामान्य कारावास शामिल है।
साथ ही, आरोपी को 15,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है, और अगर वह इसे नहीं देता है तो उसे और 1 साल की सजा भी होगी।
बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता मंटू सिंह और डॉ. दिनेश कुमार सिंह ने दलीलें प्रस्तुत की और न्यायिक प्रक्रिया के दौरान अदालत ने सभी सबूतों और गवाहों को मध्यस्थता के रूप में लिया। इसके बाद अदालत ने आरोपी को दोषी पाया और सजा सुनाई।