झारखंड में उर्दू शिक्षकों की कमी एक गंभीर समस्या है। राज्य में 4401 उर्दू शिक्षकों के पद स्वीकृत हैं, लेकिन इनमें से मात्र 689 शिक्षक ही कार्यरत हैं। इस तरह राज्य में 3712 उर्दू शिक्षकों के पद रिक्त हैं।
झारखंड राज्य सूचना आयोग और झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने भी उर्दू शिक्षकों की कमी को लेकर चिंता व्यक्त की है। इन दोनों संस्थाओं ने राज्य सरकार को उर्दू शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने का निर्देश दिया है।
झारखंड छात्र संघ के अध्यक्ष एस अली ने कहा कि उर्दू शिक्षकों की कमी से राज्य में उर्दू भाषा की शिक्षा प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को जल्द से जल्द उर्दू शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिए कदम उठाना चाहिए।
उर्दू शिक्षक संघ के महासचिव अमीन अहमद ने कहा कि उर्दू छात्रों की गणना में गलती हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को उर्दू पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या का सही प्रतिवेदन संग्रह करना चाहिए।
उर्दू शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए सरकार को निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए:
* उर्दू शिक्षकों के रिक्त पदों को जल्द से जल्द भरना चाहिए।
* उर्दू पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या का सही प्रतिवेदन संग्रह करना चाहिए।
* उर्दू भाषा को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम आयोजित करना चाहिए।
इन कदमों से राज्य में उर्दू शिक्षकों की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी और उर्दू भाषा की शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा।