जमशेदपुर, 1 मई 2024
मजदूरों के संघर्ष और एकजुटता का प्रतीक मई दिवस, जमशेदपुर में भी धूमधाम से मनाया गया। विभिन्न श्रमिक संगठनों ने इस मौके पर विशाल रैलियां निकालकर मजदूरों के हितों को लेकर सरकार से मांगें उठाईं।नारे गूंजे, हौसले बुलंद हुए:
शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में निकाली गईं रैलियों में सैकड़ों की संख्या में मजदूर शामिल हुए। मजदूरों के हाथों में तख्तियां और झंडे थे, जिन पर उनके हक-हुकूक से जुड़े नारे लिखे थे। “मजदूर एकता जिंदाबाद!” और “आठ घंटे का काम, बाकी का दाम!” जैसे नारों से पूरा शहर गूंज उठा।नेताओं ने जताई चिंता, जगाई एकजुटता की भावना:
रैलियों में मजदूर नेताओं ने भी अपने भाषणों के जरिए मजदूरों का हौसला बढ़ाया। एटक के राज्य सचिव अम्बुज ठाकुर ने ऐतिहासिक आठ घंटे के काम के नियम को याद दिलाया और केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे 12 घंटे के शिफ्ट का विरोध किया। वहीं, इंटक के प्रदेश अध्यक्ष राकेश्वर पाण्डेय ने मजदूरों की एकजुटता पर बल देते हुए कहा कि संगठित होकर ही अपने हकों की रक्षा की जा सकती है।संघर्ष जारी रहेगा:
इन रैलियों का समापन विभिन्न मजदूर संगठनों द्वारा आयोजित सभाओं के साथ हुआ। इन सभाओं में मजदूरों की समस्याओं पर चर्चा की गई और सरकार से समाधान की मांग की गई। जमशेदपुर का मजदूर दिवस एक बार फिर यह संदेश देता है कि मजदूर हक-हकूक की लड़ाई जारी रखेंगे।