जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल की इमरजेंसी में मरीजों के लिए रखे गए स्ट्रेचर की नियमित रूप से सफाई नहीं हो रही है। इससे परिजन मरीज को उसपर ले जाने से कतराते हैं। आए दिन एमजीएम में मरीजों को गोद में उठाकर ले जाने का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होता रहता है।
इमरजेंसी के बाहर रखे ज्यादातर स्ट्रेचर पर खून के निशान हैं। घायलों को ले जाने के दौरान उसमें खून लग जाता है और उसकी सफाई नहीं होने से खून सूख जाता है। किसी में घाव का मवाद लगा है। स्ट्रेचर पर चादर बिछाने का प्रावधान है, लेकिन सिर्फ मंत्री के दौरे के समय पर ही चादर बिछाई जाती है।
इमरजेंसी में कुल 12 स्ट्रेचर हैं। शनिवार दोपहर में इसमें पांच स्ट्रेचर पर मरीज भर्ती थे। वहीं, दो स्ट्रेचर को मॉर्चुरी हाउस ले जाया गया था, जिसपर मुर्दे को रखा गया था। बचे पांच स्ट्रेचर से मरीजों को ढोया जाता है, लेकिन इसमें एक भी साफ नहीं था।
तीन दिन पहले चांडिल से सड़क हादसे में जख्मी होकर एक युवक आया था। लेकिन वह अपने मरीज को स्ट्रेचर पर इसलिए नहीं ले गया, क्योंकि उसमें खून लगा था।
मरीज के परिजनों का कहना है कि एमजीएम इमरजेंसी का स्ट्रेचर काफी गंदा रहता है। किसी में खून लगा है तो किसी में मवाद। इतने गंदे स्ट्रेचर पर मरीज को ले जाने के बजाय उन्हें गोद में उठाकर ले जाना बेहतर है।
स्ट्रेचर की सफाई के साथ उसपर चादर भी नहीं बिछाया जाता है। इससे मरीज को परेशानी होती है। जाड़े का मौसम है और स्टील के स्ट्रेचर में मरीज को लिटाने पर उसे ठंड लगती है।
एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ. रवींद्र कुमार ने बताया कि इमरजेंसी समेत अन्य विभाग के स्ट्रेचर की सफाई का निर्देश दिया गया है। साथ ही नियमित रूप से उसमें चादर भी बिछाने को कहा गया है। ताकि मरीजों को परेशानी न हो।
उन्होंने बताया कि स्ट्रेचर की सफाई के लिए दो कर्मियों को लगाया गया है। वे हर दिन दो बार स्ट्रेचर की सफाई करेंगे। साथ ही नियमित रूप से चादर भी बिछाएंगे।
डॉ. रवींद्र कुमार ने कहा कि अगर किसी मरीज को गंदा स्ट्रेचर मिलता है, तो वह तत्काल अस्पताल प्रशासन को सूचित करे।
इस मामले पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को भी ध्यान देना चाहिए। ताकि मरीजों को स्ट्रेचर की गंदगी से परेशानी न हो।