रांची, 23 दिसंबर 2023: रांची के पारस एचईसी अस्पताल में एक 32 वर्षीय युवक का स्क्रब टाइफ़स का सफल इलाज किया गया है। मरीज़ को पिछले दो दिनों से उल्टी, ज्वर एवं सांस लेने में परेशानी हो रही थी। परिजनों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी जांच में स्क्रब टाइफ़स की पुष्टि हुई।
मरीज की स्थिति गंभीर होने के कारण उसे पेट के बल लिटाकर वेंटीलेटर के माध्यम से कृत्रिम सांस दी गई। साथ ही व्यापक स्पेक्ट्रम एंटीबायोटिक दिया गया। इसके बाद मरीज को होश आ गया। चेस्ट का एक्सरे करने पर चिकित्सकों ने पाया कि उसमें काफी सुधार हुआ है।
मरीज की स्थिति में सुधार आने के बाद उसे वेंटीलेटर से हटाकर सामान्य वार्ड में भेज दिया गया। वार्ड में भेजने के तीन दिनों बाद मरीज को फिर से बुखार आ गया। इसके बाद डॉक्टरों ने मरीज़ की माइक्रोबायोलॉजिकल जांच की। जिसके बाद एंटीबायोटिक में बदलाव किया गया और मरीज़ फिर ज्वारमुक्त हो गया।
स्क्रब टाइफ़स के इलाज के लिए मरीज को स्टेरॉयड भी दिया गया। जिसके बाद मरीज की हालत में सुधार होने लगा। अब मरीज पूरी तरह से ठीक है और उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
अस्पताल के फैसिलिटी डायरेक्टर डॉ नीतेश कुमार ने कहा कि पारस परिवार अपने अत्याधुनिक संसाधनों के साथ मरीजों को उत्कृष्ट और सर्वोत्तम इलाज की सुविधा देने में हर दिन नई ऊंचाइयों को छू रहा है।
स्क्रब टाइफ़स एक जीवाणु संक्रमण है जो संक्रमित चिड़ियों के काटने या खरोंच से फैलता है। यह एक गंभीर बीमारी हो सकती है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों में। लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी और सांस लेने में कठिनाई शामिल हैं।
स्क्रब टाइफ़स के लिए कोई विशिष्ट इलाज नहीं है, लेकिन एंटीबायोटिक्स और अन्य उपचारों से लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है।