क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में सुधार के लिए लोकसभा में पेश तीन नए आपराधिक कानून विधेयकों को केन्द्र ने लिया वापस, यह फैसला केंद्र सरकार ने संसदीय स्थाई समिति की सिफारिश के बाद लिया है
सूत्रों के मुताबिक स्टैंडिंग कमेटी की कुछ सिफारिशों के आधार पर नए बिल जाएंगे। सरकार ने भारतीय न्याय संहिता विधेयक 2023 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक और साक्ष्य विधेयक 2023 को वापस ले लिया है, यह विधेयक 11 अगस्त को मानसून सत्र के दौरान में पेश किया गया थे ये तीनों विधेयक भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के बदले लाए गए थे तीनों विधेयकों को चयन समिति के पास भेजा गया था समिति को तीन महीनो के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी। भारतीय दंड संहिता की धाराएं गंभीर अपराधों के मामले में लगाई जाती है यह अपराधों की परिभाषा के साथ-साथ उसके लिए तय सजा को बताती है सिविल लॉ और क्रिमिनल लॉ भी आईपीसी के तहत आते हैं भारतीय दंड संहिता में 23 चैप्टर और 511 धाराएं हैं पुलिस अपराधियों के मामलों को आईपीसी के तहत दर्ज करती है लेकिन उसके बाद की प्रक्रिया सीआरपीसी के तहत चलती है।