पश्चिमी चंपारण के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हरनाटांड़ में रविवार की सुबह एक ऐसा मरीज आया, जिसकी हरकत देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ लग गईवह मरीज कुत्तों जैसी हरकत कर रहा था। वह लोगों को काटने के लिए तैयार था। उसके परिवारवालों ने उस व्यक्ति के हाथ पैर गमछा से बांध दिया।इस कुत्ते की तरह व्यवहार करने वाले मरीज का नाम गोबरहिया है और उसके परिवार के अनुसार, दो महीने पहले उसे गांव के एक आवारा पागल कुत्ते ने काट लिया था। इस घटना के बाद भी परिवार ने त्वरित रूप से एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाने की जरूरत महसूस नहीं की थी।
कुत्ते के काटने का घाव छोटा लग रहा था और उन्होंने एंटी रेबीज की सुई लगवाने की आवश्यकता नहीं महसूस की थी। हालांकि, कुछ दिनों पहले, कुत्ते के काटने के परिणामस्वरूप उसके ऊपर कुत्तों जैसा व्यवहार दिखाई देने लगा।
मरीज के पिताजी ने बताया कि गांव में एक पागल कुत्ता है जो अब तक आठ लोगों को काटकर उन्हें शिकार बना चुका है, जिनमें से केवल दो लोगों को ही एंटी रेबीज की सुई लगवाई गई है। बाकी सभी परंपरागत उपचार पर निर्भर कर रहे हैं।
मरीज को PHC हरिनाथांड़ ले जाया गया, जहां यह पता चला कि उसे रेबीज हो गई है। डॉक्टर ने बताया कि रेबीज का कोई इलाज नहीं है और समय पर एंटी रेबीज टीका लगवाना महत्वपूर्ण है। इस संक्रमण के प्रभाव 10 दिन से लेकर 12 वर्ष के बीच महसूस हो सकता है।
डॉक्टर ने सभी उन लोगों को सावधानी से एंटी रेबीज टीका लगवाने की सलाह दी जिन्होंने अभी तक यह टीका नहीं लगवाया है। मरीज को बेहतर उपचार के लिए बगहा उप-मंडल अस्पताल को रेफर किया गया।