जमशेदपुर : जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज में तीन दिवसीय शिल्प प्रदर्शनी सह जागरूकता कार्यक्रम का उद्घाटन सोमवार को धालभूम एसडीओ पियूष सिन्हा एवं महाविद्वयालय के प्राचार्य डा अमर सिंह ने फीता काट कर किया। इस प्रदर्शनी के जरिये वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देने और हस्तशिल्प के प्रति विद्यार्थियों में रूचि बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। इसमें झारखंड के अलग-अलग जगहों से लगभग 80 कलाकारों ने भाग लिया हैं। इस कार्यक्रम का आयोजन वस्त्र मंत्रालय के हस्तशिल्प सेवा केंद्र, रांची ने कॉलेज के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ एवं वाणिज्य विभाग के सौजन्य से किया।कार्यक्रम में मुख्य रूप से स्वागत भाषण प्राचार्य सह कार्यक्रम के चैयरपर्सन डा अमर सिंह ने किया,जबकि कार्यक्रम का परिचय आइक्यूएसी की कोर्डिनेटर डा नीता सिन्हा के द्वारा कराया गया।कार्यक्रम में हैंडलुम एवं हैंडीक्राफटस मंत्रालय के सहायक निदेशक पुष्प राजन मुख्य रूप से उपस्थित थे। वही कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन डा दुर्गा तामसोय ने किया। इस अवसर पर कार्यक्रम में डा नीता सिन्हा,डा मंगला श्रीवास्तव, डा दुर्गा तामसोय,डा अरूणा वर्मा, भूषण कुमार सिंह, डा प्रभात कुमार सिंह, महाविद्वयालय के अर्थपाल डा अशोक कुमार रवानी,अर्थपाल डा एस एन ठाकुर, डा अंतरा कुमारी, डा कृष्णा प्रसाद, डा आरएसपी सिंह, इतिहास डा पुष्पा तिवारी,के ईश्वर राव,डा स्वाती वत्स, प्याली विश्वास,डा राजेश कुमार, बीएड शिक्षक पूनम कुमारी, इतिहास पर मुख्य रूप से कॉलेज के प्राचार्य डॉ अमर सिंह व शिक्षकगण मौजूद थे।—————
कला सीख कर रोजगार प्राप्त कर सकते हैं छात्र
प्राचार्य डा अमर सिंह ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों को झारखंड भर के शिल्प कलाओं से अवगत करना है. बांस, मिट्टी, लाह की बनी हुई चीजें, कपड़ों पर चित्रकला जो हाथों से शिल्पी बनाते है उसकी जानकारी दी जा रही है। इस कला में अपने राज्य और देश की संस्कृति व कला छुपी हुई है, जो धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही है. इसे जनमानस तक पहुंचाना ही इस कार्यक्रम का लक्ष्य है. बच्चे इसे सीख कर रोजगार प्राप्त कर सकते हैं और उन्हें इसका वितीय लाभ भी मिल सकता है। आज 80 बच्चों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. परन्तु इसमें शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारी भी भाग ले रहे है. इसमें कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन लाइव लोगों के सामने कर रहे है।