रांची- झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के संस्थापक एवं प्रधान सचिव पुष्कर महतो ,केंद्रीय उपाध्यक्ष जितेंद्र सिंह एवं दक्षिणी छोटा नागपुर प्रजामंडल की अध्यक्ष श्रीमती रोजलीन तिर्की ने कहा कि सरकार झारखंड आंदोलनकारी को जेल जाने की बाध्यता समाप्त करते हुए राजकीय मान सम्मान अलग झारखंडी पहचान, हमारे पुत्र पुत्रियों को रोजी रोजगार एवं नियोजन के अधिकार की 100 फीसद गारंटी एवं स्वाभिमान से जीने के लिए सम्मान पेंशन राशि 50-50 हजार रु. दे अन्यथा हमें जहर दे दे या गोली मार दे। आज आंदोलनकारी अपने अस्तित्व एवं अस्मिता की रक्षा के लिए 10 सितंबर को मसाल जुलूस एवं 11 सितंबर को झारखंड बंद रहेगें। राज्य के प्रत्येक आंदोलनकारी सड़कों पर उतरेंगे और सीमावर्ती राज्यों पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ ,उत्तर प्रदेश एवं बिहार के सीमा को पूरी तरह जाम कर देंगे। आंदोलनकारी अपने साथ परंपरागत अस्त्र शस्त्र , लाल व हरा झंडा लिए रहेंगे।
उन्होंने डोरंडा, झंडा चौक स्थित केंद्रीय कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उक्त बातें कहीं। उन्होंने कहा कि झारखंड के आंदोलनकारी आज हाशिये में जीवन जीने को विवस और लाचार हैं। अंततः झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के एक-एक आंदोलनकारी आज फिर से उपनिवेशवाद और पूंजीवाद के जाल से बचने के लिए एवं झारखंड अलग राज्य के संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए 10 सितंबर को मसाल जुलूस एवं 11 सितंबर को झारखंड बंद करने का निर्णय लिया है। निर्णय लिया है कि हम लड़े थे और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ेंगे।
इस संवाददाता सम्मेलन के दौरान झारखंड आंदोलनकारी लाल धन महतो राजाराम शिबू काली माइति, ड्रा संजय गिरि, बैद्यनाथ महतो रामचंद्र महतो जगदीश महतो सहित अन्य प्रमुख थे ।
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