जमशेदपुर,मां प्रेरणा है, मां मेरी शक्ति है, मां मेरी ऊर्जा है, मां मेरी साहस है, हिम्मत है, ताक़त है।जब भी उससे मिलता हूँ, सारी थकान दूर हो जाती है। प्यार से पुचकार कर जब वो पूछती हैं दिनभर ज़्यादा काम था क्या? थक तो नहीं गया, कुछ खाया अर्जुन??? चाहे,आप उम्र के किसी भी पड़ाव पर हों; अपनी संतान के लिए मां की ममता, उनका वात्सल्य, उनका नि:स्वार्थ प्रेम, उनके जज़्बात सदैव ममत्व से भरे होते हैं। पिछले कुछ समय से मां बीमार हैं, इसलिए इस बार वह रांची आवास नहीं आ पाईं।नामांकन की पूर्व संध्या पर जमशेदपुर स्थित घर में मां से मिलकर आशीर्वाद लिया।