रांची, 19 दिसंबर: झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन सदन में हंगामा हो गया। इस दौरान बीजेपी के तीन विधायकों को सस्पेंड कर दिया गया। इनमें भानु प्रताप शाही, बिरंची नारायण और जेपी पटेल शामिल हैं।
हंगामा तब शुरू हुआ जब भानु प्रताप शाही ने राज्य में नियुक्तियां नहीं होने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि नियोजन नीति नहीं होने के कारण परीक्षाएं रद्द हो रही हैं। युवाओं का भविष्य दांव पर लगा है। इस बीच विधायक प्रदीप यादव ने लोकसभा और राज्यसभा से सांसदों को निलंबित करने का मामला उठाते हुए कहा कि इसके खिलाफ सदन में निंदा प्रस्ताव लाना चाहिए। इसके बाद भाजपा विधायक वेल में जाकर हंगामा करने लगे।
हंगामे के दौरान भाजपा विधायकों ने नारेबाजी की। उन्होंने स्पीकर के खिलाफ भी नारेबाजी की। स्पीकर ने हंगामा रोकने के लिए कई बार चेतावनी दी, लेकिन भाजपा विधायक नहीं माने। इसके बाद स्पीकर ने मार्शलों को बुलाकर भाजपा विधायकों को सदन से बाहर निकालने का आदेश दिया।
मारशलों ने भाजपा विधायकों को जबरदस्ती पकड़कर सदन से बाहर निकाला। इस दौरान बिरंची नारायण गिर गए। मार्शलों ने उन्हें उठाकर बाहर निकाला।
स्पीकर ने कहा कि भाजपा विधायकों की आदत खराब हो चुकी है। वे लगातार सदन में हंगामा कर रहे हैं। इससे सदन की कार्यवाही बाधित हो रही है। इसलिए उन्हें निलंबित किया गया है।
स्पीकर की कार्रवाई के बाद भाजपा विधायकों ने सदन का बहिष्कार कर दिया। वे राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात करेंगे।
भाजपा विधायकों का आरोप
भाजपा विधायकों का आरोप है कि स्पीकर मुख्यमंत्री के कहने पर निर्णय लेते हैं। उनके पास अपना दिमाग नहीं है। ऐसे स्पीकर को चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए।
क्या है राज्य में नियोजन नीति का मामला?
झारखंड में नियोजन नीति नहीं होने के कारण परीक्षाएं रद्द हो रही हैं। इससे युवाओं में आक्रोश है। भाजपा विधायक इस मामले को लेकर लगातार सरकार पर दबाव बना रहे हैं।