उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग में 17 दिनों से फंसे झारखंड के सभी 15 मजदूर मंगलवार को सुरक्षित निकाल लिए गए। इन मजदूरों को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया है।
झारखंड के मजदूरों के लिए लगातार वहां कैंप कर रही पदाधिकारियों की टीम के नेतृत्व कर रहे भारतीय प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी भुवनेश प्रताप सिंह ने बताया कि सबसे पहले सुरंग से निकाले गए मजदूरों में दो मजदूर झारखंड के ही थे। इनमें खूंटी के गणपति होरो तथा पूर्वी सिंहभूम के महादेव नायक सम्मिलित थे। थोड़ी ही देर बाद अन्य मजदूरी भी सुरक्षित निकाले गए।
झारखंड सरकार के श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव राजेश कुमार रशर्मा ने भी झारखंड के मजदूरों के सुरक्षित निकाले जाने की पुष्टि की।
बताते चलें कि मंगलवार को ही सुरंग में ब्रेकथ्रू हुआ और स्केप टनल के जरिए मजदूरों को बाहर निकाला गया। आइएएस अधिकारी भुवनेश प्रताप सिंह भी उत्तराखंड में कैंप कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर घटना के तत्काल बाद अधिकारियों की टीम घटनास्थल पर रवाना हुई थी। इन अधिकारियों ने स्थानीय प्रशासन से संपर्क स्थापित किया और मजदूरों को ढाढ़स बंधाया। वे लगातार मजदूरों के परिजनों के संपर्क में भी रहे।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने निर्देश दिया है कि राहत कार्य समाप्त होने के बाद सभी श्रमिकों की स्वास्थ्य जांच की जाए। इसके बाद उन्हें हवाई जहाज के जरिए लाया जाए।
सुरक्षित निकाले गए झारखंड के मजदूरों की सूची
विश्वजीत कुमार वर्मा, गिरिडीह
सुबोध कुमार वर्मा, गिरिडीह
अनिल बेदिया, रांची
राजेंद्र बेदिया, रांची
सुकराम बेदिया, रांची
टिंकू सरदार, पूर्वी सिंहभूम
गुणोधर नायक, पूर्वी सिंहभूम
रंजीत लोहार, पूर्वी सिंहभूम
रवींद्र नायक, पूर्वी सिंहभूम
समीर नायक, पूर्वी सिंहभूम
भुक्तू मुर्मू, पूर्वी सिंहभूम
महादेव नायक, पूर्वी सिंहभूम
चमरा उरांव, खूंटी
विजय होरो, खूंटी
गणपति होरो, खूंटी