गुमला,आजादी के 75 साल 20 जाने के बाद भी गांव में विकास नहीं होने के कारण गांव के लोगों ने वोट बहिष्कार करने की बात कही ताजा मामला गुमला जिला के घाघरा प्रखंड के सेरेनदाग बाजार के समीप आधा दर्जन से अधिक गॉव के सैकड़ो महिला पुरुष बैठक कर सड़क नही बनने पर वोट बहिष्कार का निर्णय लिया। इसके पूर्व सोमवार को भी सरांगो नवाटोली बगीचा में बैठक कर 8 बूथ के सैकड़ो ग्रामीण महिला पुरुष बैठक कर वोट बहिष्कार का निर्णय लिया था। एक ओर वोट प्रतिशत बढ़ाने को लेकर जिले के अधिकारी नित कई निर्देश जारी कर रहे है इसके विपरीत प्रखंड के अधिकारी वोट बहिष्कार के निर्णय के उपरांत उन तक पहुँच वोट बहिष्कार के कारण को जानना भी मुनासिब नही समझ रहे और वोट बहिष्कार को लेकर शुक्रवार को पुनः सेरेंदाग बाजार के समीप शुक्रवार को बैठक का आयोजन किया गया। जहां सर्वसम्मति से रोड नही तो वोट नही का निर्णय नारे लगाते हुवे किया गया।
उक्त बैठक में वकील खेरवार ने कहा कि जंगल पहाड़ो में निवास करने वाले आदिम जनजाति एवं आदिवासी परिवार ठगे महसूस कर रहे है।सरकार आदिवासी की हितैसी होने की बात तो कहती है लेकिन इटकिरी से भैसबथान, तुयमु, सेरेंदाग, केचकी, जालिम के आदिम जनजाति एवं आदिवासी जन सड़क नही बनने से धूल फांकने को विवश है। बॉक्साइट ट्रकों के कच्ची रास्ते मे गुजरने से घरों में रखे खाने तक दूषित होता है। रतींद्र भगत ने कहा कि करीब 50 वर्स पूर्व सड़क बना था लेकिन अब कालीकरण सड़क का नामोनिशान भी शेष नही बचा है। बॉक्साइट से करोड़ो का राजस्व सरकार को जाती है लेकिन सड़क बनाना सरकार आवश्यक नही समझती। बैठक को महादेव भगत, रामेश्वर राम, अनिता देवी, हरिश्चंद्र भगत, समीर लोहरा सहित अन्य लोगो ने संबोधित किया। मौके पर सेरेंदाग, रिशापाट, तियमु, भैसबथान, केचकी, जालिम सहित अन्य गॉव के महिला पुरुष शामिल थे।